राजराजेश्वर मंदिर ना जाने से Kamalnath आए भाजपा के निशाने पर, कांग्रेस ने दी सफाई

अशोकनगर,हितेंद्र बुधौलिया। अशोकनगर (ashoknagar) शहर के अधिष्ठाता देव भगवान राजराजेश्वर(lord rajeshwar) के मंदिर में कमलनाथ (kamalnath) के ना जाने के मुद्दे को भाजपा(bjp) ने मंदिर और शहर के अपमान से जोड़ दिया। मंदिर के पुजारी एवं दूसरे लोगों को बताया गया था कि कमलनाथ(kamalnath) मंदिर में पहुंचेंगे , कमलनाथ(kamalnath) के लिए निर्धारित समय के बाद भी मंदिर के पट खोले गए। मगर वह मंदिर नहीं पहुंचे तो लोगों में इसको लेकर कमलनाथ (kamalnath) के प्रति गंभीर रोष देखा गया है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं(congress leaders) ने मंदिर में आने के लिए कमलनाथ(kamalnath) को आमंत्रित(invited) भी किया था मगर वह नहीं आए। सोशल मीडिया पर जिसका परिणाम चुनाव में भुगतने जैसी पोस्ट भी वायरल होने लगी है। अपनी किरकिरी होते देख कांग्रेस पार्टी के नेता बचाव में आए हैं ।कुछ दिनों से मंदिर में तैयारी करा रहे नेताओं की अब सफाई है कि कमलनाथ (kamalnath) के कार्यक्रम में मंदिर दर्शन का नही जोड़ पाया था,साथ ही प्रशासन ने भी वहां जाने में व्यवस्था बिगड़ने की बात बताई थी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।