शहर के लोगों का डेढ़ करोड़ लेकर जीजा साले फरार, पीड़ित पहुंचे थाने

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शहर के लोगों से पत्ती (Patti) के नाम पर पैसा जमा कराने वाले जीजा साले (Jija saale) करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गए। लोगों को जब ठगी (Thagi) का अहसास हुआ तो वे पुलिस (Police) के सामने पहुँच गए । पुलिस का कहना है कि करीब 25 – 30 लोग सामने आये जिनका करीब डेढ़ करोड़ रुपए लेकर व्यापारी जीजा साले फरार हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार माधौगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले राजकुमार सीमेंट कारोबारी हैं । कुछ साल पहले उनकी दोस्ती जूता कारोबारी मनीष लुधियानी से हो गई। मनीष ने बताया कि अपने साले राकेश आहूजा के साथ मिलकर पत्ती चलाता था और लोगों से हर महीने पैसे जमा कराता था। बाद में जरूरतमंद कारोबारी को वह कम ब्याज में पैसा देता था। उसके इस कारोबार में करीब तीन दर्जन लोग जुड़े थे। पता चला है कि मनीष लुधियानी ने लोगों से पत्ती के नाम पर बहुत लोगों से पैसे जमा कराए और रातों-रात गायब हो गया। लोग जब अपनी बारी का इंतजार तो पता चला कि जीजा साले फरार हो गए। जब लोगों को अपना पैसा डूबता दिखा तब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में कराई। माधोगंज पुलिस ने जीजा साले के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर लिया है। खास बात यह भी है कि मनीष लुधियानी की गुमशुदगी की रिपोर्ट शहर के झांसी रोड थाने में दर्ज है। बताया ये भी जा रहा है कि जीजा साले ने कारोबारियों की रकम से बीएमडब्ल्यू कार फ्लैट और जमीन भी खरीदी है। एडिशनल एसपी सतेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक शुरुआती तौर पर 25 से 30 लोग सामने आये हैं ये संख्या और बढ़ सकती है। फिलहाल जीजा साले के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। शुरुआती तौर पर जीजा साल द्वारा करीब डेढ़ करोड़ रुपए का चूना लगाए जाने का अंदेशा जताया गया है। लेकिन रकम बढ़ भी सकती है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....