रास्ता भटकी PoK की दो बहनों की आज हुई घर वापसी, सेना ने तोहफे देकर किया रवाना

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। गलती से सरहद पार कर अगर कोई भारतीय पाकिस्तान (Pakistan) पहुंच जाता है, तो वहां की सेना भारतीयों के साथ जुल्म करती है और जेलों में बंद कर देती है, जिस पर कई फिल्में भी बन चुकी है। हालांकि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) निवासी दो सगी बहनों की किस्मत अच्छी थी कि वह गलती से भारत की सरहद पर पहुंच गई थी। जिनपर भारतीय सेना (Indian Army) की नजर पड़ी और उनके साथ पूछताछ के बाद उन्हें खाना खिलाया। आज भारतीय सेना ने दोनों बहनों की सुरक्षित घर वापसी की है।

भारतीय सेना ने खिलाया खाना


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।