बता दें कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा (Board exam) अप्रैल के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी। वहीं यह परीक्षा मई माह तक चलेगी। कोरोना महामारी (Corona epidemic) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा ऑनलाइन ऑर्गेनाइज (Board exam conducted online) की जा सकती है। फिलहाल अभी इस संबंध में शासन की तरफ से कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।
ऑनलाइन होगा प्री-बोर्ड एग्जाम
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा से पहले प्री-बोर्ड (Pre board) लिया जाना है। जो ऑनलाइन लिया जाएगा। इसका निर्णय सोमवार को मंडल की साधारण सभा की बैठक (Board meeting) में लिया गया है। बैठक के दौरान मंडल अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया, सचिव उमेश कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक बलवंत वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। कोरोनाकाल को देखते हुए सरकार ने माध्यमिक शिक्षा अधिनियम के तहत माध्यमिक शिक्षा मंडल की एक समिति का गठन किया है। इस समिति के गठन होने के बाद मंडल की साधारण सभा की पहली बैठक सोमवार को संपन्न हुई।
बैठक में इन विषयों पर हुई चर्चा
साधारण सभा की पहली बैठक में मंडल की परीक्षा, वित्त संबंधित और अन्य विषयों का अनुमोदन कराने को लेकर चर्चा की गई। वहीं मंडल द्वारा सत्र 2020-21 से बोर्ड परीक्षा में भाग लेने वाले 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए परिवर्तन किए गए है।
– इस सत्र से परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राएं सप्लीमेंट्री आने पर पूरक परीक्षा नहीं दे पाएंगे। इसके बदले में दो मुख्य परीक्षा आयोजित की जाएगी।
– वहीं श्रेणी सुधार करने वाले विद्यार्थियों को सुनहरा अवसर मिलेगा। जिसके अनुसार छात्र-छात्रों को आने वाले साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि दोबारा होने वाली मुख्य परीक्षा में भाग लेकर अच्छा अंक पा सकेंगे।
नहीं होगा सप्लीमेंट्री एग्जाम
2020-21 सत्र में बोर्ड परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के पूरक आने पर उनके लिए सप्लीमेंट्री एग्जाम आयोजित नहीं की जाएंगी। यदि कोई बोर्ड परीक्षा का विद्यार्थी फेल हो जाता है, तो वह 3 माह बाद दोबारा परीक्षा दे सकता है। साथ ही अब मार्कशीट पर भी सप्लीमेंट्री मेंशन नहीं की जाएगी और किसी भी विषय में फेल होने पर स्टार मार्क नहीं लगाया जाएगा।
श्रेणी सुधार वाले विद्यार्थियों के लिए सुनहरा अवसर
10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा मंडल द्वारा मई तक ली जाएगी और दूसरी परीक्षा जुलाई में ली जाएगी। यदि किसी विद्यार्थी के अंक कम आ जाते हैं, तो उन्हें उसी विषय में दोबारा परीक्षा देने का अवसर प्राप्त होगा। इस दौरान यदि वह विद्यार्थी सभी विषयों की परीक्षा देना चाहता है तो उसे में मौका दिया जाएगा। जिस परीक्षा में अधिक अंक विद्यार्थियों को मिलेंगे, उसे ही मान्य किया जाएगा और रिजल्ट को सुधार कर दिया जाएगा।