जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) जिले आज शुक्रवार को 205 नए कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus) सामने आए है। हैरानी की बात तो ये है कि जबलपुर (Jabalpur) में आज कोरोना (Corona) ने दोहरा शतक लगाया है। ये आंकड़ा सितंबर माह के बाद का है, जब 200 से ज्यादा कोरोना केस पॉजिटिव आए है।इधर, जबलपुर कलेक्टर ने कोविड मरीजों के उपचार की गाइड लाइन का हर हाल में पालन करने की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो संबधित अस्पताल पर कार्यवाही करने से भी नहीं चूकेंगे।
दरअसल, गुरुवार को भेजे गए कोरोना के 1663 सैम्पल की प्राप्त परीक्षण रिपोर्ट्स में आज 205 नये मरीज सामने आये हैं। कोरोना से आज स्वस्थ हुए 122 व्यक्तियों को मिलाकर जबलपुर (Jabalpur ) में कोरोना के संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 17 हजार 885 हो गई है और रिकवरी रेट 91.41 प्रतिशत हो गया है।वही ग्रामीण इलाकों में भी 4 अप्रैल से संडे लॉकडाउन (Sunday Lockdown) की तैयारी है।
गुरुवार की शाम 6 बजे से आज शुक्रवार की शाम 6 बजे तक पिछले 24 घण्टे के दौरान मिले कोरोना के 205 संक्रमित व्यक्तियों को मिलाकर जबलपुर में कोरोना मरीजों की संख्या 19 हजार 565 हो गई है । पिछले चौबीस घण्टे में दो व्यक्तियों की मृत्यु की प्राप्त हुई रिपोर्ट को मिलाकर जबलपुर में कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजों की संख्या 271 हो गई है । जबलपुर में कोरोना के एक्टिव केस अब 1409 हो गये हैं । कोरोना की जांच के लिए आज 2007 व्यक्तियों के सेम्पल लिये गये हैं।
जबलपुर कलेक्टर (Jabalpur Collector) कर्मवीर शर्मा ने कोरोना के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुये निजी अस्पताल संचालकों से कोरोना मरीजों के उपचार की क्षमता बढ़ाने का आग्रह भी किया।अस्पताल संचालकों से कोरोना मरीजों के उपचार के लिये अस्पतालों की क्षमता विस्तार की योजना पर भी चर्चा की तथा एक-दो दिन के भीतर उसे अमल में लाने कहा।
बता दे कि जबलपुर शहर में स्थित सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिये फिलहाल ऑक्सीजन और आईसीयू सहित करीब 950 बिस्तर उपलब्ध है। जबकि इन अस्पतालों में अन्य जिलों के मरीजों सहित लगभग 450 मरीज उपचार के लिये भर्ती हैं। बैठक में बताया गया कि निजी अस्पतालों में जल्दी ही कोरोना मरीजों के उपचार की क्षमता करीब 1 हजार 200 बिस्तरों की हो जायेगी।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)