मानस भवन में आयोजित बैठक के दौरान नगर निगम की सहायक आयुक्त एकता अग्रवाल बिना मास्क के दिखाई दीं। जबकि अन्य सभी अधिकारी बैठक में मास्क पहने हुए थे। अब ऐसे में शासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह अंकित होता है कि एक तरफ आम जनता को मास्क न पहनें पर जुर्माना देना पड़ रहा है और जेल भी जाना पड़ रहा है। वहीं यह अधिकारी बिना मास्क के आखिर कैसे रहीं मौजूद। लेकिन इनके विरुद्ध तस्वीर के आधार पर भी तो कार्यवाही की जा सकती है, लेकिन यह देखने का विषय है कि प्रशासन अब इन पर कार्यवाही करता है या नहीं।
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संक्रमण की रोकथाम के लिये किये जा रहे उपायों की समीक्षा की
कलेक्टर ने बैठक में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये किए जा रहे। उपायों की समीक्षा की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना न फैले इस ओर अधिक ध्यान देने के निर्देश अधिकारियों को दिए। शर्मा ने आरआरटी के प्रभारियों को वार्ड वार गठित टीमों के साथ शहरी क्षेत्र में पाये गये। प्रत्येक कोरोना मरीज के घर जाकर उसके नजदीकी सम्पर्क में आये। लोगों की जानकारी लेने तथा उन्हें घरों में क्वारन्टीन कराने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों के घर पर पोस्टर लगाने की हिदायत दी। ताकि आसपास के लोग सतर्क हो सकें। उन्होंने होम आइसोलेशन का उल्लंघन करने वाले मरीजों के विरुद्ध सीधे एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिये। शर्मा ने कोरोना प्रोटॉकाल के उल्लंघन के मामलों में भी ज्यादा सख्ती बरतने पर जोर देते हुये कहा कि बिना मास्क लगाये घूमने वाले लोगों को अस्थाई जेल में बंद करें और जुर्माना वसूलने की कार्यवाही करें। साथ ही अधिक संक्रमितों की संख्या वाले क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाये। कलेक्टर ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के निर्देश भी दिये।