सिंधिया की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में सक्रियता के आखिर क्या हैं मायने?

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) इस समय मध्यप्रदेश (MP) के दौरे पर हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन करने के बाद से सिंधिया की मध्यप्रदेश में मौजूदगी अपने साथ कयास लेकर आती है। राजनीति के गलियारों में भाजपा ज्वाइन करते समय हुए करार यानि एग्रीमेंट की चर्चा होने लगती है, केंद्रीय मंत्री पद की बात होने लगती है, सिंधिया के सिपहसालारों को सम्मानजनक पद की बात होने लगती है लेकिन इस बार ग्वालियर में बात कुछ अलग हो रही है। बात हो रही है सिंधिया की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में सक्रियता को लेकर।

पूरा देश ये बात अच्छी तरह जानता है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार (Kamal nath Government) को गिराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और उनके समर्थक विधायकों की क्या भूमिका थी।  कैसे देश की राजनीति में पहली बार एक बहुत बड़ा भूचाल आया, थोकबंद विधायक सिंधिया के एक इशारे पर कांग्रेस सरकार का मंत्री पद, विधायकी छोड़कर चले गए और भाजपा ज्वाइन कर ली।  उसके बाद मध्यप्रदेश में काबिज हुई भाजपा की शिवराज सरकार (Shivraj Government) में उपचुनाव जीतकर पहुंचे कुछ विधायकों को मंत्री पद मिल गया और कुछ हारकर अब निगम मंडल में पद की लालसा में बैठे हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....