सिंधिया का फिर झलका दर्द, यहां से क्यों हार जाता हूं

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भोपाल| मध्य प्रदेश के गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से पिछले चार बार से लगातार जीत रहे कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दर्द एक फिर झलका है| सिंधिया इस बार गुना सीट से ही मैदान में हैं, यह सीट सिंधिया परिवार के लिए गढ़ बन चुकी हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाती है| लेकिन सिंधिया को एक दर्द है, जो वह बार बार अपने भाषणों में दोहराते हैं| तमाम विकास कार्यों के बावजूद वह गुना शहर और शिवपुरी शहर विधानसभा क्षेत्र से हार जाते हैं। यही बात वह क्षेत्र की जनता के बीच पूछ रहे हैं कि आखिर उनकी गलती क्या है| 

शुक्रवार को गुना व आसपास के इलाकों में सिंधिया ने सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान कैंट के गुलाबगंज में सिंधिया 2014 के चुनाव में गुना विधानसभा से मिली हार का जिक्र करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मुझे आज तक इसका दर्द है। उन्होंने कहा कि मोदी जी की हवा में आप लोगों ने मेरा साथ छोड़ दिया। बाहर से आए एक व्यक्ति के साथ आप भी बह गए। अगर मैं नेता होता तो इसकी चिंता नहीं करता। पर मैं इंसान हूं। पत्थर नहीं हूं। मुझे चोट लगी है इसलिए उसे आपके सामने जाहिर कर रहा हूं।  सिंधिया ने आगे कहा कि गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र की 8 में से 6 विधानसभा में वे जीते। सिर्फ गुना व शिवपुरी शहर की जनता ने उनका साथ नहीं दिया। सांसद ने कहा कि जरूर मेरी कोई कमी रही होगी। आप मुझे बताएं जिससे कि मैं उसे सुधार सकूं। पर आप लोगों के लिए इतने काम करने के बावजूद अगर मुझे समर्थन नहीं मिलता है तो मैं दुखी हो जाता हूं। सिंधिया ने कहा मेरा आपका रिश्ता मोदीजी की तरह नहीं है, जो हवा की तरह आए और चले गए। यह दिल का रिश्ता है। आपके लिए मैं खून-पसीना एक कर देता हूं। इसलिए उम्मीद करता हूं कि आपका साथ भी मुझे मिलेगा। उन्होंने कहा कि 12 मई को मैं उम्मीद करता हूं कि सत्य की जीत होगी। 


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