धार। एमपी में चौथे चरण के लिए 19 मई को आठ सीटों पर मतदान होना है। इनमें से धार लोकसभा सीट ऐसी है जो भले ही किसी जमाने में कांग्रेस का गढ़ रही हो लेकिन पिछले तीन चुनावों को देखे तो कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी का कब्जा रहा है। जनता ने किसी एक पार्टी को लगातार दूसरी बार नहीं चुना है। कांग्रसे ने इस बार यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक दिनेश गिरवाल को मैदान में उतारा है, वही बीजेपी ने वर्तमान सांसद सावित्री ठाकुर का टिकट काटकर छतर सिंह दरबार को उम्मीदवार बनाया है।अब देखना होगा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में क्या बीजेपी लगातार दूसरी बार इस सीट पर कब्जा करेगी या जनता कांग्रेस को एक बार फिर मौका देगी।
धार लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। कांग्रेस ने 7 तो बीजेपी ने यहां 3 बार जीत हासिल की है। धार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं, जिसमें 6 पर कांग्रेस और 2 पर बीजेपी का कब्जा है। कांग्रेस ने पहली बार 1980 के चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की और इसके अगले 3 चुनाव में यहां पर ‘हाथ’ का ही कब्जा रहा। 1996 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी के छत्तर सिंह ने कांग्रेस के तीन बार सांसद रह चुके सुरजभान सिंह टक्कर दी और बीजेपी का खाता खुलवाया। एक बार फिर पार्टी ने वर्तमान सांसद सावित्री ठाकुर का टिकट काट छतर सिंह दरबार के जरिए भिलाला समाज साधने की कोशिश की है,हालांकि दरबार वही है जिन्होंने तीन बार कांग्रेस के सीट छीनकर बीजेपी की झोली में डाली थी।ऐसे में एक बार फिर पार्टी ने दरबार पर भरोसा जताकर कांग्रेस को बड़ी चुनौती दी है।वही कांग्रेस ने दिनेश गिरवाल को धार सीट से उम्मीदवार बनाया है, गिरवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थक माना जाता है, हालांकि उन्होंने जिला पंचायत सदस्य के अलावा कोई बड़ा चुनाव नहीं लड़ा है,बावजूद इसके विधानसभा चुनाव में बदले समीकरणों को देखते हुए पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है।