Dhar Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला में जारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ASI के सर्वे की रिपोर्ट पर बिना SC के अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
परिसर में भौतिक खुदाई नहीं की जाए
विवादित भोजशाला परिसर की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ नोटिस जारी किया है, जिसमें ASI को विवादित स्थल का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया गया था। SC की तरफ से अंतरिम निर्देश में कहा गया है कि परिसर में किसी भी प्रकार की भौतिक खुदाई नहीं की जाएगी, जिससे स्थल का स्वरूप परिवर्तन हो जाए। साथ ही कहा है कि मेरी अनुमित के बगैर ASI की रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। SC ने यह आदेश 11 मार्च को हाई कोर्ट की तरफ से दी गई वैज्ञानिक सर्वेक्षण के खिलाफ मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसायिटी की याचिका पर दिया है।
22 मार्च से जारी है सर्वे
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने पिछले महीने की 22 तारीख को विवादित भोजशाला परिसर में ASI से सर्वे कराने का आदेश दिया था। यहां सर्वे का कार्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी परिसर की तरह जारी है। 22 तारीख को ही मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से मना कर दिया था। वहीं आज सोमवार को सर्वे का 11वां दिन है और आज ही मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है।
ये है भोजशाला विवाद
इस ऐतिहासिक परिसर पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष अपना-अपना दावा बताते हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मां सरस्वती का मंदिर है। वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह कमाल मौला मस्जिद है। हालांकि इस परिसर में साल 2003 में दिए गए ASI के आदेश के तहत हर मंगलवार को हिंदू पक्ष पूजा करते हैं। जबकि हर शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष नमाज अदा करते हैं। गौरतलब है कि भोजशाला में जारी ASI सर्वे का आदेश हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस की याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिया था।