इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) में ऑल इंडिया में पहली और दूसरी रैंक पर सफलता हासिल करने वाली प्रदेश की दो बेटियों ने समूचे प्रदेश को गर्व महसूस कराया है। जहां मुरैना की नंदिनी अग्रवाल ने 800 में से 614 अंक हासिल नम्बर वन पर कब्जा जमाया तो वहीं दूसरी ओर इंदौर के अनाज व्यापारी की बेटी साक्षी ऐरन ने आल इंडिया लेवल पर 800 में से 613 अंक हासिल दूसरी रैंक हासिल की है।
2018 में इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की इंटरमीडिएट कोर्स 83.63 अंकों के साथ टॉप रैंक हासिल करने वाली साक्षी ऐरन ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) में ऑल इंडिया में दूसरी रैंक हासिल कर इंदौर और मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है। साक्षी की सफलता के बाद बधाइयों का तांता लगा है। साक्षी इस सफलता के पीछे मेहनत, लगन, समर्पण, परिवार का सपोर्ट और उनका आशीर्वाद मानती हैं। साक्षी के पिता भूपेंद्र ऐरन अनाज की दुकान चलाते हैं और माँ अन्नपूर्णा ऐरन गृहणी है।
साक्षी की माने तो जॉब के साथ साथ पढ़ाई के वक्त टाइम मैनेजमेंट के साथ ही सब्जेक्टिव जरूर रहना चाहिये। उन्होंने बताया कि रिजल्ट पाकर उन्हें अच्छा लग रहा है। आगे की प्लानिंग के बारे के उन्होंने बताया कि उन्हें जॉब करना है। उसके बाद उच्च शिक्षा लेनी है। साक्षी ने कहा कि सीए की पढ़ाई हो या फिर अन्य एग्जाम मेहनत बहुत लगती है तब ही अच्छा रिजल्ट मिलता है और अगर रिजल्ट अच्छा हो तो सारी मेहनत सफल लगती है।
साक्षी ने युवाओं से कहा है यदि सच में आप चार्टर्ड अकाउंटेंट्स या कोई और कोर्स कर रहे हो तो उसके पीछे डेडीकेटेड रहो एक न एक दिन सक्सेस मिलना तय है। साक्षी ने बताया कि उनके मम्मी – पापा का हमेशा बहुत सपोर्ट रहा है। उनकी माने तो उनके मम्मी पापा से उन्हें फुल फ्रीडम मिली और वह मुझे यही कहते हैं कि आपको जो बनना है आप वह बनो। इधर, पढ़ाई के तरीके को लेकर साक्षी ने कहा कि पढ़ाई दिन के टाइम के हिसाब से डिसाइड नहीं होती थी बल्कि वो शेड्यूल और सब्जेक्टिव होकर पढ़ाई करती थी।
इधर, साक्षी की सफलता से उनका पूरा परिवार खुश है और अपनी बेटी की सफलता पर उनकी अन्नपूर्णा ऐरन कहती हैं कि बहुत खुशी हो रही है बता नहीं सकते, शब्दों में बयां नही किया जा सकता, उन्हें बहुत ज्यादा खुशी हो रही है। साक्षी की मम्मी ने बताया पूरे रिलेटिव और सभी परिचितों के फोन आ रहे हैं। साक्षी के मामा पक्ष तो ये कह रहे है कि उनकी भांजी ने नाम रोशन कर हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। साक्षी की माँ ने बताया सीए की पहली एग्जाम में भी फर्स्ट रैंकिंग लगी थी और अब दूसरी बार भी वो कामयाब रही। माँ ने कहा हमें कभी बेटे की कमी ना कभी हुई है और ना कभी आगे होगी और समाज को यही संदेश देना चाहूंगी कि बेटियों को कभी बेटों से कम मत समझो।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....