ग्वालियर, अतुल सक्सेना। गरीबों और बेघर लोगों को पट्टा देने का शिवराज सरकार (Shivraj Government) का वादा आज बुधवार को ग्वालियर में पूरा होता दिखाई दिया। जिन 28 लोहा पीटा परिवार (Loha pita Family) को दो साल पहले फुटपाथ से हटाया गया था आज सरकार ने उन्हें बसने के लिए जगह का मालिकाना हक़ दिया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) ने इन परिवारों को अपने हाथ से पट्टे के प्रमाण पत्र सौंपे। ऊर्जा मंत्री ने जमीन पर बैठकर उनकी समस्याएं सुनी फिर आदत के अनुसार महिलाओं के पैरों में अपना सिर रख दिया। रहने के लिए जमीन मिलने से खुश बुजुर्ग महिलाओं ने जी भर कर मंत्री को आशीर्वाद दिया।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की विधानसभा ग्वालियर के हजीरा क्षेत्र के पास रहने वाले 28 लोहा पीटा परिवार के सदस्यों के चेहरों पर ख़ुशी देखते ही बनती थी। दो साल पहले जब प्रद्युम्न सिंह ने कांग्रेस सरकार में रहते हुए इन्हें यहाँ हटा दिया था तब से ये परिवार यहाँ वहां भटक रहे थे। लेकिन अब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के ही प्रयासों से इन परिवारों को नारायण विहार कॉलोनी में रहने के लिए जमीन दी गई है।
एक सादे समारोह में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने 28 लोहा पीटा परिवारों को पट्टे के प्रमाण पत्र सौंपे। इस मौके पर जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम अनिल बनवारिया सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपनी आदत के मुताबिक जमीन पर बैठकर इन परिवारों की बात सुनीं और बुजुर्ग महिलाओं के पैरों में अपना सिर रख दिया। जमीन मिलने से खुश बुजुर्ग महिलाओं ने पीठ पर हाथ रखकर जी भरकर ऊर्जा मंत्री को आशीर्वाद दिए।
उधर जमीन का पट्टा मिलने के बाद अपना आशियाना बनने की ख़ुशी में उत्साहित लोहा पीटा परिवार की महिलाओं ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की दिल से दुआ दी। उन्होंने कहा कि हमें सबकुछ मिल गया है जो वादा किया था वो भी पूरा हुआ है। उधर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ये शिवराज सिंह चौहान जी की सरकार है जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच “अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति को सभी सुविधाएँ उपलब्ध हो” को अपना कर काम करती है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....