2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस: 38 दोषियों को मौत की सजा, 11 को उम्रकैद की सजा

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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 2008 के अहमदाबाद सीरियल बम धमाकों के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए नामित एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 49 दोषियों में से 38 को मौत की सजा सुनाई है। एवं ग्यारह अन्य को जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बचाव पक्ष के वकीलों के अनुसार, भारत के कानूनी इतिहास में किसी एक मामले में मौत की सजा पाने वाले दोषियों की यह सबसे बड़ी संख्या है।

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38 दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 10 और 16 (1) (ए) (बी) के तहत सजा सुनाई गई थी। तीनों अपराधों में से प्रत्येक के लिए 38 में से प्रत्येक पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। 11 अन्य को आईपीसी की धारा 302 और यूएपीए की धारा 10 और 16 (1) (ए) (बी) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। उपरोक्त प्रावधानों के अलावा, सभी 49 दोषियों को कानून के चार प्रावधानों – यूएपीए धारा 20, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम धारा 3 और आईपीसी धारा 124 ए (देशद्रोह), 121 ए (राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दोषियों में से एक, वडोदरा के मोहम्मद उस्मान अगरबत्तीवाला, जो शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (1) (बी) (ए) के तहत दोषी पाया गया था, को उक्त प्रावधान के तहत एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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Ram Govind Kabiriya