‘नसबंदी’ पर सरकार का यू-टर्न, वापस लिया फैसला, BJP ने बताया था इमर्जेंसी पार्ट-2

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भोपाल।
विरोध और देशभर में जमकर किरकिरी होने के बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने नसबंदी को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों को लेकर जारी किए गए फरमान को वापस ले लिया है।जिसमें कहा गया था कि कम से कम एक सदस्य की नसबंदी कराना अनिवार्य है और ऐसा ना होने पर एक महिने का वेतन काटा जाएगा।साथ ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का भी प्रस्ताव बनेगा। जारी होते ही यह आदेश चर्चा का विषय बन गया था और सरकार की जमकर किरकिरी होने लगी थी। कर्मचारियों ने भी इसका विरोध किया था वही बीजेपी ने इसे आपातकाल पार्ट-2 बताया था।हालांकि यह पहला मौका नही है इसके पहले भी सरकार कई फैसलों पर यू-टर्न ले चुकी है।इधर, इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में मिशन संचालक छवि भारद्वाज को हटा दिया गया है, उन्हें मंत्रालय में OSD पदस्थ किया गया।

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को पुरूष नसबंदी के लक्ष्य पूरा ना करने पर में वेतन में कटौती और अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने तक का आदेश दिया गया था। परिवार नियोजन कार्यक्रम मेंटारर्गेट पूरा ना करने पर नो पे, नो वर्क के आधार और वेतन ना देने की बात कही है।वही कर्मचारियों के लिये पाँच से दस पुरूषों की नसबंदी कराना अनिवार्य किया गया था । राज्य के एनएचएम मिशन के निदेशक की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया था कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो हेल्थ वर्कर्स (एमपीएचडब्ल्यू) की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सिफारिश की जाएगी और इसके प्रस्तावों को जिला कलेक्टरों के जरिए भोपाल में एनएचएम मुख्यालय भेज दिया जाएगा।इसके बाद इस प्रस्ताव को आगे की कार्यवाही के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को भेजा जाएगा।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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