RPF सैनिक की तस्वीर हुई वायरल, ममता और कर्तव्य दोनों का निर्वहन कर रही हैं, लोग कर रहे तारीफ, मगर क्या यह सही है?
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वायरल तस्वीर में महिला RPF जवान रीना अपनी 1 साल की बेटी को गोद में लेकर ड्यूटी करती नजर आईं। यह व्यू लोगों को भावुक कर गया और वर्किंग मदर्स की कठिनाइयों को इक्स्पोज़ किया।
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कई बार परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हैं कि महिला कर्मचारियों को अपने छोटे बच्चों को साथ लाना पड़ता है, जैसा कि नर्स अन्वेषा अरोड़ा के साथ हुआ, जब उनके पास बच्चे को छोड़ने का कोई विकल्प नहीं था।
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अधिकतर कंपनियों में महिलाओं के लिए सुविधाजनक नीतियाँ नहीं होतीं। बच्चों को ऑफिस में लाने की अनुमति नहीं होती और वर्किंग मदर्स को अतिरिक्त मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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समाज में यह सोच है कि बच्चे की देखभाल केवल मां की जिम्मेदारी है, जबकि यह माता-पिता दोनों की होनी चाहिए। मजबूरी में महिलाएं बच्चों को ड्यूटी पर साथ लाती हैं, जिससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
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ऑफिस का वातावरण बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होता। वहां मौजूद बैक्टीरिया और वायरस उनकी इम्यूनिटी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लंबे समय तक एक ही जगह रहने से उनका मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है।
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वर्क फ्रॉम होम एक अच्छा विकल्प हो सकता है। पति-पत्नी को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए और अपनी शिफ्ट्स को एडजस्ट करके बच्चे की देखभाल में भागीदारी करनी चाहिए।
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आजकल न्यूक्लियर फैमिली का चलन बढ़ गया है, लेकिन दादा-दादी का साथ बच्चों के लिए बहुत जरूरी होता है। वर्किंग कपल्स को अपने पैरेंट्स के साथ रहकर बच्चे की देखभाल में उनकी मदद लेनी चाहिए।
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कंपनियों को वर्किंग मदर्स के लिए चाइल्डकेयर सुविधाएँ उपलब्ध करानी चाहिए। इससे महिलाएँ बिना किसी मानसिक दबाव के काम कर सकेंगी और बच्चे भी सुरक्षित माहौल में रह सकेंगे।
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