भोपाल।
बाघ के मामले में एक अलग पहचान रखने वाला मध्य प्रदेश अब तेंदुआ स्टेट का ख़िताब अपने नाम करने की तैयारी में है। टाइगर स्टेट की दौड़ में शीर्ष पर आने के बाद अब मध्य प्रदेश तेंदुए की गणना में प्रथम आ सकता है। चर्चा है कि कल बाघ दिवस के मौके पर केंद्र सरकार तेंदुए की गणना के आंकड़े जारी कर सकती है। जहां उम्मीद जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश इस बार भी तेंदुए की संख्या में शीर्ष मुकाम हासिल करेगा।
दरअसल पिछली बार 2014 की हुई गणना में मध्यप्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे ज्यादा थी। उस वक्त मध्यप्रदेश में 1817 तेंदुए मिले थे। जहां अब इनकी संख्या बढ़कर 2200 से ज्यादा पहुंच गई है। जिस के आंकलन के आधार पर इस वर्ष तक तेंदुए की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में मार्च 2018 तक बाघों की गिनती कराई गई थी। जिसके बाद तेंदुए और भालूओं की संख्या की भी गिनती हुई थी। वही केंद्र सरकार द्वारा बाघों के आंकड़े तो जारी किए गए हैं किंतु अन्य मांसाहारी वन्य प्राणियों के आंकड़े अब तक घोषित नहीं किए गए। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कल बाघ दिवस के मौके पर केंद्र सरकार तेंदुए के आंकड़े जारी कर सकता है। वही प्रदेश में तेंदुओं की बढ़ती संख्या के बीच उम्मीद जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश इस बार भी तेंदुओं की गणना में “तेंदुए स्टेट” का ताज लेकर रहेगा।
बता दें कि पिछली बार भी घटना में मध्य प्रदेश 1817 तेंदुए के साथ पहले स्थान पर काबिज रहा था। जबकि दूसरे स्थान पर कर्नाटक ने जगह बनाई थी। कर्नाटक में कुल 1129 तेंदुए मिले थे। वही तब से लेकर अब तक के बीच मध्यप्रदेश में 22 सौ से अधिक तेंदुए के बढ़ने की उम्मीद है। जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि अगर आंकड़े जारी किए जाएंगे तो मध्यप्रदेश शीर्ष नेतृत्व का खिताब अपने नाम करेगा।