3 माह से ज्यादा लॉक डाउन के बाद भी शहर में कोरोना का कहर जारी है। शहर के कई क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं इस पूरे कोरोना संकट के बीच एक बड़ी परेशानी जेल में बंद कैदियों और उनके परिजनों को हुई है। जो चाहते हुए भी कानूनी बंदिशों के चलते मुलाकात नही कर सकते हैं। दरअसल, इंदौर में न सिर्फ जेल में बंदियों को बल्कि जेल कर्मचारियों को भी कोरोना संक्रमण के बाद उससे जंग लड़नी पड़ी है।
ऐसे में परिजनों और बंदियों के बीच होने वाली मुलाकात के संदर्भ में सरकार को एक हाईटेक तरीका सूझा है जिसके तहत इंदौर की केंद्रीय जेल में एक नई व्यवस्था के बाद बंदी और उनके परिजन एक दूसरे से बातचीत कर हाल चाल जान सकेंगे। राज्य शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में केन्द्रीय जेल इंदौर में विचाराधीन एवं सजायाफ्ता बंदिगणों से परिजन एवं उनके अभिभाषक ई-मुलाकात कर सकेंगे। इसके तहत परिजन या वकील स्मार्ट फोन/डेस्कटॉप/टेबलेट आदि से बातचीत कर सकेंगे। इसके लिए ई-आवेदन प्रस्तुत करना होगा। आवेदकों को पोर्टल eprisons.nic.in गूगल पर सर्च कर आवेदन करना होगा।
केन्द्रीय जेल अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे के मुताबिक जेलों पर जिन बंदियों को इनकमिंग दूरभाष की पात्रता है, उन समस्त बंदियों को ई-मुलाकात की पात्रता होगी। ई-मुलाकात की अवधि 10 मिनिट की होगी। यह सुविधा पात्र बंदियों को माह में एक बार होगी। जो आवेदन मान्य किये जाएंगे उन आवेदकों को ई-मुलाकात की तारीख और समय प्रदान किया जाएगा। ई-मुलाकात आवंटित कार्य दिवस में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक कराई जाएगी और इसी बीच अलग अलग पात्र बंदियों की डिजिटल मुलाकात परिजनों और वकीलों से हो सकेगी।
इंदौर की केंद्रीय जेल में यह व्यवस्था कोरोना महामारी के संक्रमण के दौर में प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में शुरु की गई है। इस संबंध में जेल मुख्यालय भोपाल से भी आदेश प्राप्त हो गये हैं।