पीसी शर्मा का शिवराज सरकार पर तंज, कहा- 15 साल से कुपोषण के मामले में फेल, खराब क्वालिटी चावल पर CBI जांच जरुरी

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में जहां एक और कोरोना का दौर चल रहा है, वहीं मध्य प्रदेश में कोरोना के साथ-साथ राज नेताओं के भी बयानबाजी का दौरा जारी है। इसी कड़ी में आज पूर्व जनसंपर्क मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कुपोषण को लेकर पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार कुपोषण को लेकर पहले भी फेल थी और अब भी फेल है। शिवपुरी में बच्चों गोबर में से गेंहू निकाल के खा रहे थे। आगे उन्होंने कहा कि कुपोषण के मामले में सरकार 15 सालो तक फेल रही है और जब खाद्यान्न खराब होगा तो कुपोषण होगा ही।

वही प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों में सरकार को घेरते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के केस लगातार बढ़ रहे है, वहीं सरकार इसकी टेस्टिंग के लिए पैसे मांग रही है जो की सरासर गलत है। देखा जाए तो सरकार को कोरोना से जुड़ी सारी सुविधाएं जनता को नि:शुल्क देनी चाहिए।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।