MP By-Election: इस विधानसभा क्षेत्र में बदल गई परिस्थिति, ये होंगे सियासी समीकरण

गुना, विजय कुमार जोगी। बमोरी विधानसभा सीट वर्ष 2008 के चुनाव से अस्तित्व में आई। यहां पहली बार चुनावी बिसात बिछी, तो भाजपा से केएल अग्रवालKL Aggarwal) और कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में महेंद्रसिंह सिसोदिया(Mahendra Singh Sisodia) सामने थे। अगले विधानसभा चुनाव में भी अग्रवाल और सिसोदिया आमने-सामने रहे, लेकिइन इस बार बाजी सिसोदिया ने मारी। हालांकि, 2018 के चुनाव में दोनों आमने-सामने तो हुए, लेकिन अग्रवाल भाजपा से बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतरे और तीसरे स्थान पर रहे। अब बमोरी सीट पर उपचुनाव है, लेकिन परिस्थितियां उलट हैं, क्योंकि दोनों उम्मीदवारों ने अपनी पार्टी बदलकर एक-दूसरे के सामने ताल ठोकी है। इस तरह उपचुनाव में उम्मीदवार तो वही होंगे, लेकिन चुनाव चिन्ह बदल जाएंगे।

जिले की बमोरी विधानसभा सीट में सहरिया-आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की संख्या अधिक है। इस विधानसभा से पहला चुनाव भाजपा उम्मीदवार के तौर पर केएल अग्रवाल ने वर्ष 2008 में जीता था। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस से महेंद्रसिंह सिसोदिया थे। इसके बाद 2013 और 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस से महेंद्रसिंह सिसोदिया ने था। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केएल अग्रवाल को चुनावी टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वह 28488 मत प्राप्त कर तीसरे नंबर पर रहे थे। खास बात यह कि बमोरी विधानसभा उपचुनाव के इतिहास में पहली बार भाजपा प्रत्याशी महेंद्रसिंह सिसोदिया प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए चुनाव लड़ेंगे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस उम्मीदवार केएल अग्रवाल का कहना है कि उम्मीदवार पुराने हैं, लेकिन पार्टी बदल गई है। यह चुनाव जनता के मुद्दे पर लड़ा जाएगा।


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Kashish Trivedi

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