इटारसी में कोरोना को परास्त कर स्वस्थ्य हुए 64 मरीज

होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। नोवेल महामारी कोरोना वायरस (Novel epidemic corona virus)  का कहर (havoc) है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना वायरस (corona virus) का डर आज के समय में सभी के मन में घर कर गया है। जिस तेजी से कोरोना वायरस के मरीजों (corona virus patients) में बढ़ोतरी हो रही है उसी तरह संक्रमित मरीजों के स्वस्थ्य होने के मामले भी सामने आ रहे है। इसी कड़ी में होशंगाबाद की इटारसी तहसील (itarsi tehsil of hoshangabad) में कोरोना संक्रमण का कहर (corona virus havoc) चरम पर है पर साथ ही यहां पर कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। कोरोना कहर के बीच मंगलवार को एक खुशी की खबर सामने आई है जिसमें आज करीब 64 कोरोना संक्रमित मरीज (corona infected patients recovered) पूरी तरस से स्वास्थ्य होकर अपने घर वापस लोट गए है।

होशंगाबाद जिले में कोरोना संक्रमण से स्वस्थ्य होने वाले व्यक्तियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिले के लिए सुखद खबर है कि कोरोना को परास्त कर आज सोमवार को 64 कोरोना संक्रमित व्यक्ति पूर्णत: स्वस्थ्य हो गये हैं। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य टीम द्वारा किये जा रहे लगातार बेहतर प्रयासों से कोरोना संक्रमित मरीज जल्दी स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को स्वस्थ्य होने पर 64 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को जिले में स्थापित कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज किया गया है। कोविड केयर सेंटर इटारसी से 23, होशंगाबाद से 12, पिपरिया से 16, सिवनीमालवा से 7, बाबई से 5, बनखेड़ी से 1 इस तरह कुल 64 व्यक्तियों को डिस्चार्ज किया गया। स्वस्थ्य हुए व्यक्तियों को 7 दिनों के लिए होम क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। साथ ही उनकी सार्थक एप के माध्यम से मॉनीटरिंग की जाएगी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।