ग्रामीणों को जहरीले सांप से बचाने वाले कि जान सर्प के काटने से गई

इंदौर,आकाश धोलपुरे। इंदौर से एक अजीब मामला सामने आया है और इसके बाद क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में सबकुछ सुनसान पड़ गया। दरअसल, घटना इंदौर के सिमरोल थाना क्षेत्र के चोरल की है ,जहां खेत मे काम कर रहे एक युवक की मौत सांप काटने से हो गई। हैरानी की बात ये है कि जिस युवक को सांप ने काटा वो युवक, ग्रामीणों की जान सांप काटने से बचाने के लिए आगे आया लेकिन आखिर में युवक की जान शरीर मे फैले जहर ने ले ली।

इस अजीबोगरीब वाक्ये में ये बात सामने आई कि युवक ने सांप के काटने के बाद उसका जहर खुद ही चूसकर निकालने की कोशिश भी की लेकिन वो कामयाब नहीं हो सका। 30 वर्षीय गुड्डू पिता फूलसिंह बनोदा ने दो दिन पहले ही खेत में घुसे सांप को पकड़ा था और उसी सांप ने गुड्डू नामक युवक को काट भी लिया। हालांकि गुड्डू को जब सांप ने काटा तब ही उसने जहर चूस कर निकाल दिया था, लेकिन सांप के काटने से वह बीमार हो गया और दूसरे दिन उसकी मौत हो गई। सिमरोल थाना के प्रधान आरक्षक जगन्नाथ ने बताया कि गुड्डू पिता फूलसिंह नामक युवक को 29 सितंबर की शाम को खेत में था, उसी दौरान सांप के काटने से उसकी मौत हो गई और जिसके बाद उसे मृत अवस्था मे एमवाय अस्पताल लाया गया, जहां आज उसके पोस्टमार्टम के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया गया है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।