आबकारी विभाग की कार्रवाई, जब्त की 3 लाख रुपए की शराब

देवास,सोमेश उपाध्याय। जिले की हाटपिपलिया विधानसभा के उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला द्वारा विधानसभा क्षेत्र की अवैध गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। इसी कड़ी में जीले आबकारी दल द्वारा करीब 3 लाख रुपए लागत की अवैध शराब जब्त की गई है। बताया जा रहा है कि सहायक आबकारी आयुक्त विक्रमदीप सांगर को अवैध मदिरा के निर्माण ,संग्रहण, परिवहन और विक्रय पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे, इसी के तारतम्य में कंट्रोल रूम प्रभारी नागेंद्र सिंह जादोन के नेतृत्व में आबकारी की संयुक्त टीम द्वारा अलसुबह ग्राम सियापुरा तथा दोन्ता में अचानक दबिश दी गई, इसमें हाथभट्टी मदिरा का अवैध निर्माण करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिसमे 25 लीटर हाथभट्टी मदिरा तथा लगभग 5900 लीटर महुआ महान बरामद किया गया। लहान को मौके पर ही विधिवत नष्ट किया गया ।12 प्रकरण मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1) के अंतर्गत पंजीबद्ध किए गए । जब्त सामग्री का बाजार मूल्य रुपए तीन लाख रुपए बताया जा रहा है।

दल द्वारा शाम को पुनः शहर गश्त किया गया, बालगढ़,चुना खदान,इंदौर रोड ,उज्जैन रोड तथा उज्जैन मक्सी बायपास रोड स्थित होटल/ढाबों पर भी कार्रवाई की गई। शाम की कार्रावाई में कुल 03 प्रकरण पंजिबढ़ कर 32 पाव देशी मदिरा प्लेन जब्त की गई। उपरोक्त कार्रवाई में आबकारी उपनिरीक्षक राजकुमारी मंडलोई ,निधि शर्मा, महेश पटेल, विजय कुचेरिया ,डीपी सिंह ,दिनेश कुमार भार्गव,संदीप सिंह चौहान तथा प्रेम यादव आबकारी मुख्य आरक्षक विष्णु प्रसाद कलोसिया ,राजाराम रैकवार ,दीपक धुरिया आबकारी आरक्षक बालकृष्ण जायसवाल ,अशोक सेन, गोविंद बदावदिया , अरविंद जिनवाल,विकास गौतम, दीपक टटवाडे, सनत कुमार ओझा तथा संगीता यादव सम्मिलित थे। इस प्रकार की कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।