5 पिल्लों की मां बनी कुतिया, जश्न में गांव वालों ने 2 हजार लोगों को दिया न्यौता

सतना, डेस्क रिपोर्ट। क्या आपने कभी जानवर द्वारा बच्चों को जन्म देने पर जश्न मनाते देखा या सुना है। शायद नहीं, लेकिन सतना जिले (Satna district) में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर कुत्ते (dogs) और इंसान (Human) के बीच अनूठा प्रेम देखने को मिला। जहां जूली (Julie) नामक एक पालतू कुतिया (Pet Doggie) ने 5 पिल्लों (Puppies) को जन्म दिया है। जिसके बाद से क्या था, पूरा गांव में खुशी से झूम उठा। इस दौरान लोगों ने डीजे पर डांस (Dance on dj) किया, साथ ही दावत भी रखी। जिसमें 12 गांव से करीब 2000 लोग शामिल हुए।

डॉगी ने दिया 5 पिल्लों को जन्म, तो गांव में जश्न का माहौल


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।