भोपाल में NRC-CAA के विरोध में अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन

भोपाल। एनआरसी (NRC) और सीएए (CAA) को लेकर विरोध की आवाज अब तेज होने लगी है। सियासी तौर पर चल रहे प्रदर्शनों के बीच गुरूवार को राजधानी के इकबाल मैदान पर स्टुडेंट पॉवर ने तीखे तेवर दिखाए। राजधानी और आसपास के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी क स्टुडेंट्स ने भोपाल में हल्ला बोलकर एक स्वर में आवाज लगाई कि देश के टुकड़े नहीं होने दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम में पहली बार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए और उन्होंने इस बात को दोहराया कि देश को बांटने वाले काले कानून के खिलाफ वे आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ते रहेंगे। मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने कानून को मानने से इंकार करते हुए कहा कि हम इस देश की पैदावार हैं, इसकी जमीन पर और यहां के आसमान पर हमारा भी उतना ही हक है, जितना यहां बसने वाले दूसरे सम्प्रदाय के लोगों का। उन्होंने ऐलान किया कि सरकार चाहे तो हमें शरणार्थी कैम्प में डाल दे, लेकिन हम अपने हिन्दुस्तानी होने का कोई सुबूत पेश करने नहीं जाएंगे। विधायक आरिफ मसूद ने भी हुंकार भरते हुए कहा कि देश आजाद हुआ तो हमने जिन्ना नहीं, गांधी का दामन थामा था, नफरत फैलाने वाली सियासत के मोहरे हम नहीं बनेंगे।

राजधानी के इकबाल मैदान पर दोपहर दो बजे एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। लेकिन इस समय से बहुत पहले ही यहां लोगों का जमावड़ा होने लगा था। अलग-अलग टुकडिय़ों में स्टुडेंट्स आकर यहां जमा होने लगे। हाथों में नारे लिखी तख्तियां और अपनी आवाज को सुर देने के लिए ढपली और छोटे ढ़ोल लिए आने वाले स्टुडेंट्स नारे बुलंद कर रहे थे। जेएनयू के स्टुडेंट लीडर कन्हैया कुमार की तर्ज पर वे नारे लगा रहे थे, हमें आजादी चाहिए….! कार्यक्रम की शुरूआत में कई स्टुडेंट्स ने सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली सहित देशभर की यूनिवर्सिटीज में चल रहे आंदोलन और इस दौरान पुलिस द्वारा अपनाई गई बरबरता को कोसा। उन्होंने कहा कि सरकार आंखें खोल ले और देखे कि युवा ताकत ने कई तख्त उलट किए हैं, एक बार फिर वही हालात बनाए जा रहे हैं। कोई भी सियासी पार्टी किसी कानून को अपनी मनमर्जी से किसी पर नहीं थोप सकती। 


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