राजधानी के इकबाल मैदान पर दोपहर दो बजे एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। लेकिन इस समय से बहुत पहले ही यहां लोगों का जमावड़ा होने लगा था। अलग-अलग टुकडिय़ों में स्टुडेंट्स आकर यहां जमा होने लगे। हाथों में नारे लिखी तख्तियां और अपनी आवाज को सुर देने के लिए ढपली और छोटे ढ़ोल लिए आने वाले स्टुडेंट्स नारे बुलंद कर रहे थे। जेएनयू के स्टुडेंट लीडर कन्हैया कुमार की तर्ज पर वे नारे लगा रहे थे, हमें आजादी चाहिए….! कार्यक्रम की शुरूआत में कई स्टुडेंट्स ने सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली सहित देशभर की यूनिवर्सिटीज में चल रहे आंदोलन और इस दौरान पुलिस द्वारा अपनाई गई बरबरता को कोसा। उन्होंने कहा कि सरकार आंखें खोल ले और देखे कि युवा ताकत ने कई तख्त उलट किए हैं, एक बार फिर वही हालात बनाए जा रहे हैं। कोई भी सियासी पार्टी किसी कानून को अपनी मनमर्जी से किसी पर नहीं थोप सकती।
आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए : दिग्विजय
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) ने खचाखच भरे इकबाल मैदान की सभा को संबोधित करते हुए सबसे पहले चुटकी ली और कहा कि मैंने भाईयों, बहनों, मित्रों, साथियों जैसे संबोधन करना छोड़ दिया है…. मैं दिल में जो रखता हूं, वही जुबां पर भी होता है, इसीलिए भाजपा को मेरी बात कड़वी लगती है। उन्होंने कहा कि भाजपा को मेरे नाम का इतना खौफ है कि प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक और भाजपा का हर नेता बिना किसी बात पर भी हर भाषण में तीन बार मेरा जिक्र करते नजर आते हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश के लिए बनाए गए बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की पहली शर्त यह रखी गई है कि इस देश में किसी के साथ धर्म, जाति, सम्प्रदाय के नाम पर भेदभाव नहीं होगा। इस संविधान के अधिकार पाना और इसके मुताबिक सुविधाएं लेना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। उन्होंने ऐलान किया कि वे इस देश में किसी काले कानून को लागू नहीं होने देंगे। इसके लिए उन्हें जिस स्तर तक जाकर लड़ाई लडऩा होगी, वे आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे।
सबको पता है कि आरएसएस का फुल फार्म क्या है : इमरान
सभा का आकर्षण बने मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने युवाओं में जोश भरते हुए कहा कि कोई कानून और कोई सरकार हमसे हिन्दुस्तानी होने का प्रमाण नहीं मांग सकती। उन्होंने कहा कि दमनचक्र चला और इस बात पर जोर दिया गया कि हमें हिन्दुस्तानी होने का सुबूत देना पड़ा तो मैं शरणार्थी कैम्प में जाना ज्यादा पसंद करूंगा, बजाए इसके कि मुझे कोई दस्तावेज पेश अपनी नागरिकता साबित करना पड़े। उन्होंने कहा कि अक्सर बात की जाती है कि इमरान की सभाओं और एनआरसी विरोधी जलसों में आधे से ज्यादा ऐसे लोग शामिल होते हैं, जिन्हें एनआरसी या सीएबी का फुल फार्म भी पता नहीं, लेकिन इस देश का हर बच्चा, बूढ़ा, युवा, औरत, मर्द इस बात को अच्छे से जानता है कि आरएसएस का फुल फार्म क्या है और उसका असल चेहरा और असली रूप क्या है। हमारे पूर्वजों ने इसी हथियार से देश को अंग्रेजों से आजाद कराया है। उन जालिम शासकों के मुकाबले यह जुल्म तो रत्तीभर भी नहीं है, जब हम उनके आगे नहीं झुके और अपना मुल्क उनसे वापस ले लिया तो ये किस दम पर किसी को देश बाहर करने की बात करते हैं।
भाजपा जानती है सिर्फ नफरत की बोली : मसूद
राजधानी के युवा विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) के आह्वान पर यह प्रदर्शन आयोजित किया गया था, उन्होंने अपने मुख्तसर बयान में कहा कि भाजपा ने दोगलाई, बेईमानी और नफरत के सिवा इस देश को कुछ नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि इस देश के किसी नागरिक को किसी कानून से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनावी शतरंज को जीतने की हड़बड़ाहट में भाजपा अपने लिए वह गड्ढे खोदती जा रही है, जिससे उबर पाना उसकी सात पुश्तों के वश का नहीं रहेगा। मसूद ने कहा कि कोई भी कानून हमसे न हमारी नागरिकता छीन सकता है और न ही जीने का अधिकार। हमारे पुरखों ने अपनी मर्जी से बंटवारे की बात को खारिज करते हुए जिन्ना की बजाए गांधी के देश को चुना था और वह यहीं रहेंगे, यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। मसूद ने इस बात को भी रेखांकित किया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ इस कानून को मानने से साफ इनकार कर चुके हैं, मप्र में एनआरसी की व्यवस्थाएं और नियम लागू नहीं होंगे।