अगर आप भी चीनी की जगह करते हैं आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान, सेहत पर पड़ता है बुरा प्रभाव

Artificial Sweetener: शायद ही कोई हो जिसे मीठा ना पसंद हो, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग चीनी के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग करते है। ये आपके सेहत को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचाता है।

Saumya Srivastava
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Artificial Sweetener: मीठा खाना सभी को पसंद होता है, कई बार लोग बीमारी की वजह से तो कभी अपनी डाइट की वजह से इससे बचते है। ज्यादा मात्रा में चीनी का उपयोग आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में लोग चीनी के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग करने लगते है। ये आर्टिफिशियल स्वीटनर भी आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। इसके इस्तेमाल से कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते है ऐसे ही कुछ खतरों के बारे में।

वजन बढ़ाए

लोग वजन पर कंट्रोल करने के लिए ही आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते है। इसलिए वो अपने डाइट में चीनी की जगह इसे ही इस्तेमाल करते है, लेकिन क्या आप जानते है कि अपनी डाइट में आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने से आपका वजन बढ़ सकता है। बता दें कि इसका इस्तेमाल करने की वजह से कैलोरी इनटेक बढ़ जाता है और साथ ही यह भूख कंट्रोल करने की नेचुरल एबिलिटी को भी खत्म कर देती है जो वजन बढ़ा देता है।

डायबिटीज का खतरा

जो लोग डायबिटीज के मरीज होते हैं वो चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग करते है। एक रिसर्च में पाया गया कि आर्टिफिशियल स्वीटनर इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में बाधा डाल सकती है, जिस वजह से समय के साथ इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज के होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए आप इसके प्रयोग से बचें।

बढ़ती है मीठे की क्रेविंग्स

अगर आप आर्टिफिशियल स्वीटनर का रोजाना उपयोग करते है तो इससे स्वाद रिसेप्टर्स इंसेंसिटिव हो सकते हैं, जिस वजह से मीठा खाने की क्रेविंग्स बढ़ने लगती है। ये ज्यादा खाने के साथ साथ आपका वजन बढ़ने में भी योगदान कर सकती है। यहां तक कि इसका रोजाना इस्तेमाल करने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ सकता है।

दांतों के लिए है नुकसानदेह

एक शोध से पता चलता है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने से आपके दातों के भी नुकसान पहुंचता है। ये आपकेओरल माइक्रोबायोटा को परिवर्तित करके या ड्राई माउथ में योगदान करके डेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है। जिस वजह से आपको कैविटीज और मसूड़ों की बीमारी के होने का खतरा बढ़ सकता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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Saumya Srivastava

Saumya Srivastava

पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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