बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के समापन के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर फिर से सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने यात्रा को सफल बनाने में पूरी ताकत झोंकी, लेकिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसका पूरा क्रेडिट ले लिया। कांग्रेस कार्यकर्ता इसे सिर्फ राहुल गांधी की यात्रा बता रहे हैं, जिससे पार्टी में आत्मविश्वास बढ़ा है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अब महागठबंधन में कम से कम 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का विचार कर रही है। इस कदम से राजद अध्यक्ष लालू यादव और तेजस्वी यादव के लिए चुनौती बढ़ सकती है।
कांग्रेस का नया दावा
सूत्रों के अनुसार, बिहार में कांग्रेस के रणनीतिकार अब 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने पटना के एक होटल में अनौपचारिक बैठक की, जिसमें प्रस्ताव रखा गया कि 70 की बजाय 90 सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। प्रदेश स्तरीय नेतृत्व ने भी इसका समर्थन किया है। अब महागठबंधन के फोरम में इस विषय पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस का यह कदम महागठबंधन के भीतर नई राजनीतिक चर्चाओं और बहस का कारण बन सकता है। इसके पीछे मकसद पार्टी के लिए अधिक राजनीतिक लाभ और सीटों की संख्या बढ़ाना है।
वोटर अधिकार यात्रा का असर
वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने बिहार के 110 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। यात्रा से पहले कांग्रेस ने 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी और इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया था। ए कैटेगरी में 50 सीटें, बी और सी कैटेगरी में 18-18 सीटें रखी गई थीं। 4 सीटों को रिजर्व किया गया था। ए कैटेगरी में वे सीटें थीं जहां कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा माना जाता है। इस यात्रा ने कांग्रेस के भीतर आत्मविश्वास बढ़ाया और पार्टी अब महागठबंधन में अधिक सीटों का दावा करने के लिए तैयार है।
राजद और कांग्रेस का टकराव
राजद ने पहले केवल 50 सीटें देने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद कांग्रेस ने 70 सीटों पर अड़ गए। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने 110 सीटों का कवरेज किया और अब पार्टी 90-100 सीटों पर अपना दावा ठोकने की योजना बना रही है। इस कदम से महागठबंधन के भीतर टकराव बढ़ सकता है। राजद और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर मतभेद अब सामने आ सकते हैं। यह राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करेगा और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति को नया मोड़ देगा।
आगामी रणनीति और सियासी असर
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अब महागठबंधन के मंच पर अपने सीटों के दावे को रखेगी। यह कदम पार्टी की स्थिति मजबूत करने और चुनाव में अधिक प्रतिनिधित्व हासिल करने के उद्देश्य से उठाया गया है। सीट शेयरिंग को लेकर होने वाले घमासान से महागठबंधन के भीतर गठबंधन की रणनीति और सियासी समीकरणों पर असर पड़ेगा। आगामी चुनाव में यह विवाद वोटरों के बीच भी चर्चा का विषय बन सकता है। कांग्रेस और राजद के बीच तालमेल बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि सीटों पर बढ़ते दावे से राजनीतिक टकराव और बढ़ सकता है।





