बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। शुक्रवार (29 अगस्त, 2025) को उन्होंने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। सीएम ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि नवंबर, 2005 में सरकार बनने के बाद से ही महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं।
योजना का उद्देश्य और महत्व
नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाएं अब न केवल बिहार की प्रगति में योगदान दे रही हैं, बल्कि अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं। इस योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य के हर परिवार की एक महिला को उनकी पसंद के रोजगार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने इसे महिलाओं के हित में एक अभूतपूर्व निर्णय बताया, जिसका दूरगामी और सकारात्मक प्रभाव होगा।
योजना की प्रमुख बातें
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आर्थिक सहायता: सभी परिवारों की एक महिला को अपनी पसंद के रोजगार की शुरुआत के लिए प्रथम किस्त के रूप में 10 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे।
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आवेदन प्रक्रिया: इच्छुक महिलाओं से आवेदन जल्द ही लिए जाएंगे। ग्रामीण विकास विभाग इस प्रक्रिया का निर्धारण करेगा, जबकि नगर विकास और आवास विभाग आवश्यकतानुसार सहयोग करेगा।
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राशि का हस्तांतरण: योजना के तहत सितंबर, 2025 से ही महिलाओं के बैंक खातों में राशि का हस्तांतरण शुरू कर दिया जाएगा।
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अतिरिक्त सहायता: रोजगार शुरू करने के छह माह बाद योजना का आकलन किया जाएगा। आवश्यकतानुसार 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जा सकेगी।
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बाजार एवं बिक्री के अवसर: राज्य में गांवों से लेकर शहरों तक महिलाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए हाट बाजार विकसित किए जाएंगे, जिससे उनकी मेहनत का उचित लाभ मिल सके।
महिलाओं के लिए रोजगार और सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस योजना के जरिए महिलाएं अपने व्यवसाय या रोजगार की शुरुआत कर सकेंगी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनेंगी। इसके अलावा यह योजना राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मदद करेगी। सीएम ने भरोसा जताया कि इससे मजबूरी में लोगों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि इस योजना से महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी और राज्य में रोजगार के बेहतर अवसर पैदा होंगे।”
सरकार का विज़न
नीतीश कुमार की सरकार महिलाओं को केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर ही नहीं, बल्कि उनके सामाजिक और पेशेवर विकास पर भी ध्यान दे रही है। यह योजना इस दिशा में एक बड़ा कदम है। हाट बाजार और बैंकिंग सहायता के जरिए महिलाओं को सीधे लाभ मिलेगा और वे अपनी मेहनत से अपने परिवार और राज्य की प्रगति में योगदान कर सकेंगी।





