प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (22 अगस्त, 2025) को बिहार दौरे के दौरान गया में आयोजित एक विशाल जनसभा से डेमोग्राफी मिशन शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह मिशन घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर करने और बिहार के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए होगा।
घुसपैठियों पर सख्त रुख, विपक्ष पर सीधा हमला
पीएम मोदी ने कहा कि घुसपैठिए बिहार के लोगों की नौकरियां छीन रहे हैं और उनकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने भीड़ से सवाल किया कि क्या वे इसे बर्दाश्त करेंगे? साथ ही कांग्रेस और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि ये पार्टियां वोट बैंक के लिए घुसपैठियों के साथ खड़ी हैं और बिहार को खतरे में डाल रही हैं।
विपक्षी हंगामे के बीच आया ऐलान
बिहार में विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष पहले से ही हंगामा कर रहा है। राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि जनता के वोट काटे जा रहे हैं। ऐसे माहौल में पीएम मोदी का डेमोग्राफी मिशन का ऐलान सियासी बहस को और तेज कर सकता है।
विकास परियोजनाओं की झड़ी
पीएम मोदी ने गया में औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन करते हुए कहा कि एनडीए सरकार में परियोजनाएं समय पर पूरी हो रही हैं। इसके अलावा उन्होंने बक्सर में 6,880 करोड़ रुपये की बिजली परियोजना, एनएच-31 के बख्तियारपुर-मोकामा खंड का चार लेन विस्तार (1,900 करोड़ रुपये), मुजफ्फरपुर में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और 1,260 करोड़ रुपये की शहरी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
चुनावी रणनीति में बड़ा दांव
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का यह कदम रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। डेमोग्राफी मिशन का ऐलान न केवल सुरक्षा और रोजगार के मुद्दों को मजबूत करेगा बल्कि विपक्ष को रक्षात्मक स्थिति में ला सकता है।





