2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल-बदल की प्रक्रिया तेज हो गई है। मंगलवार (19 अगस्त, 2025) को पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा बीजेपी में शामिल हो गए। इससे पहले वे प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से जुड़े हुए थे। इसके अलावा, बिहार की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि और उनकी पत्नी सुचित्रा सिन्हा ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया। इस दौरान जहानाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ चुके आशुतोष कुमार ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
बीजेपी में शामिल नेताओं की राजनीतिक पृष्ठभूमि
पूर्व मंत्री सुचित्रा सिन्हा बिहार सरकार में मंत्री रह चुकी हैं, जबकि आनंद मिश्रा 2024 के लोकसभा चुनाव में बक्सर से निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इसके बाद उन्होंने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में शामिल होकर राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया। वहीं आशुतोष कुमार ने भी पहले एक अलग पार्टी बनाई थी और भूमिहार समुदाय में उनकी मजबूत पकड़ है। बीजेपी में शामिल होने पर नेताओं ने अपनी पार्टी और राजनीति को लेकर स्पष्ट संदेश दिया।
नेताओं के बयान और पार्टी के प्रति वफादारी
बीजेपी में शामिल होने के बाद आनंद मिश्रा ने कहा कि उनका बचपन से यही मानना रहा है कि बीजेपी देश के हित में काम कर सकती है। उन्होंने बताया कि आईपीएस के तौर पर काम करते समय उन्होंने सीएम से बिहार लौटने की इच्छा जताई थी और अब बीजेपी के माध्यम से वे संगठन के लिए काम करना चाहते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने भी कहा कि वे जब तक जीवित हैं गेरुआ पार्टी के लिए काम करेंगे। उनकी पत्नी सुचित्रा सिन्हा ने पार्टी की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा कि सड़क और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ है।
मिलन समारोह और पार्टी का स्वागत
मंगलवार को बीजेपी दफ्तर में शामिल होने वाले नेताओं के लिए मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद थे। आशुतोष कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वे रोज दल और दिल बदलने वाले नहीं हैं, और उनकी धमनियों में बीजेपी के लिए लहू बह रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे आखिरी सांस तक पार्टी के लिए काम करेंगे। इस प्रकार, बीजेपी ने बिहार में अपने संगठन और चुनावी समीकरण को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है।





