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Mon, Dec 15, 2025

CM दौरे के कारण बदली व्यवस्था, करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सुपर कॉरिडोर पर दिया धरना

Written by:Bhawna Choubey
इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर उस वक़्त तनाव का माहौल बन गया जब करणी सेना की प्रस्तावित रैली को पुलिस ने रोक दिया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को वजह बताया गया, नाराज़ होकर कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर क़रीब दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया।
CM दौरे के कारण बदली व्यवस्था, करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सुपर कॉरिडोर पर दिया धरना

इंदौर (Indore) जो आमतौर पर अपनी साफ़-सफ़ाई और चकाचौंध के लिए अक्सर जाना जाता है। रविवार को राजनीतिक और सामाजिक हलचल का केंद्र बन गया। सुपर कॉरिडोर जैसे व्यस्त इलाक़े में अचानक धरना प्रदर्शन शुरू हुआ, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता जब रैली निकालने पहुँचे, तब पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

बताया जा रहा है कि उस समय मुख्यमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित था। जिस वजह से सुरक्षा कारणों से रैली को रोका गया। इस फ़ैसले से ग़ुस्साए करणी सेना के कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और क़रीब दो घंटे तक सुपर कॉरिडोर पर धरना प्रदर्शन करते रहे। इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासनिक तैयारियां और संगठनों के बीच कई तरह के सवाल खड़े कर दिए।

सुपर कॉरिडोर पर क्यों भड़का विवाद

आपको बता दें, करणी सेना की ओर से 21 दिसंबर 2025 को हरदा ज़िले में प्रस्तावित जन क्रांति न्याय आंदोलन को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में रविवार को सैकड़ों कार्यकर्ता TCS चौराहे से विजयनगर तक रैली निकालते हुए इंदौर में शक्ति प्रदर्शन करना चाहते थे।

लेकिन जैसे ही रैली सुपर कॉरिडोर क्षेत्र में पहुँची पुलिस ने बैरिकेडिंग कर आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस का कहना था कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के चलते इस मार्ग पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। वहीं करणी सेना के कार्यकर्ता का आरोप है कि यह जानकारी उन्हें पहले नहीं दी गई थी और अचानक कार्यक्रम बताकर उनकी रैली को रोका गया।

करणी सेना का आरोप

धरने के दौरान करणी सेना के कार्यकर्ता ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि पुलिस ने पहले सिर्फ़ आधे घंटे तक रैली रोकने की बात कही थी लेकिन उन्हें घंटों तक वहाँ इंतज़ार करना पड़ा। इसी बात से नाराज़ होकर कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और सुपर कॉरिडोर पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान नारेबाज़ी भी हुई और पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ नाराज़गी खुलकर सामने आयी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अगर पहले सूचना दी जाती तो वे कार्यक्रम में बदलाव कर सकते थे।

पुलिस ने कहा तय समय से पहले निकाली जा रही थी रैली

मौक़े पर मौजूद सहायक पुलिस आयुक्त रुबीना मिजवान ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि करणी सेना को दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक रैली निकालने की अनुमति दी गई थी। उनके अनुसार कार्यकर्ता तय समय से पहले ही रैली निकालने लगे थे। इसी कारण और क़ानून व्यवस्था को देखते हुए पुलिस को उन्हें रोकना पड़ा। पुलिस का कहना है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम जैसे VIP मूवमेंट के दौरान किसी भी तरह की ढील नहीं दी जा सकती।

क़रीब दो घंटे तक चला धरना

करणी सेना का धरना क़रीब दो घंटे तक चलता रहा। इस दौरान सुपर कॉरिडोर जैसी प्रमुख मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ। हालाँकि पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए दूसरे मार्गों से ट्रैफ़िक डायवर्ट किया, लेकिन फिर भी आम लोगों को कई परेशानी हुई। कई राहगीरों और ऑफ़िस आने जाने वाले लोगों ने नाराज़गी जतायी कि इस तरह की धरना प्रदर्शन से रोज़मर्रा की ज़िंदगी प्रभावित होती है। वहीं कुछ लोगों ने ऐसा कहा कि प्रशासन को पहले से बेहतर योजना बनाकर रखनी चाहिए।