Suicide : पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे युवक ने लगाया मौत को गले, फोन पर प्रेमिका को दी थी फांसी लगाने की जानकारी

Gaurav Sharma
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Suicide Betul

उज्जैन,योगेश कुल्मी। आजकल प्रेम रोग में जान देने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। एक ऐसा ही मामला उज्जैन की नागझिरी थाना क्षेत्र के शिप्रा कॉलोनी से सामने आया है, जहां अपनी गर्लफ्रेंड (Girlfriend) के साथ लिव-इन (live-in relation) में रह रहे एक युवक ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली (Suicide)।

युवक ने प्रेमिका को फोन करके अपने फांसी लगाने की सूचना दी थी, जिसके बाद तुरंत घर पहुंची युवती ने देखा कि युवक ने उसके दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली है। वही जानकारी मिलते ही तुरंत घटनास्थल पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम (postmortem) के लिए अस्पताल भेजा, वही मामले को दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मामले को लेकर नागझिरी थाना क्षेत्र के एसआई ने बताया कि आगर रोड पर स्थित दुर्गा कॉलोनी में मृतक मनीष लोधी पिता गोपाल लोधी जिसकी उम्र 30 साल थी वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ लिवइन रिलेशनशिप (live-in relation) में रह रहा था। बुधवार को युवक किसी बात के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या (suicide) कर ली है। पुलिस ने आगे बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात पता चली है कि युवक पहले से ही शादीशुदा था, जिसके दो बच्चे और पत्नी थी। वहीं युवक अपनी बीवी-बच्चों को छोड़कर बापूनगर की रहने वाले विनीता के साथ क्षिप्रा कॉलोनी मकान नंबर 47 में रह रहा था।

मृतक और उसकी गर्लफ्रेंड दोनों हलवाई का काम करते थे। बुधवार रात मनीष लोधी घर पर था, वही विनीता काम पर गई थी। वही बीती रात 10:00 बजे मनीष ने विनीता को फोन कर कहा कि मैं फांसी लगाने जा रहा हूं जिसको सुनकर विनीता के होश उड़ गए और उसने मनीष को समझाने की काफी कोशिश की लेकिन मनीष ने फोन काट दिया।

विनीता तुरंत घर की ओर रवाना हुई, जहां उसने घर का दरवाजा अंदर से बंद पाया। विनीता ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तुड़वाया और जैसे ही वे घर के अंदर घुसी तो उसने मनीष को फांसी के फंदे से लटका पाया। वही एसआई ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पूछताछ के दौरान पता चला है कि मृतक मनीष लोधी पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहा था, जिससे परेशान होने के चलते हैं उसने मौत को गले लगा लिया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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