जबलपुर, संदीप कुमार| 13 साल के नाबालिक बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या करने वाले मुख्य आरोपी की अचानक ही थाने में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी की अचानक ही तबीयत बिगड़ी, लगातार उसे खांसी आ रही थी जिसके चलते उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया पर जब तक उसका इलाज शुरू किया जाता तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
अपहरण कर उसकी हत्या का मुख्य आरोपी था मोनू विश्वकर्मा
जबलपुर के संजीवनी नगर क्षेत्र से करीब 3 दिन पहले 13 साल के एक मासूम बच्चे का अपहरण कर उसके परिवार वालो से दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी जाती है।फिरौती के रकम न मिलने के चलते मासूम की हत्या का मुख्य आरोपी मोनू विश्वकर्मा था।जबलपुर पुलिस ने आज ही मोनू विश्वकर्मा सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया था जिसके बाद उसे थाने में रखा गया जहां उसकी अचानक ही तबीयत बिगड़ी और उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लिए ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
कोरोना संदिग्ध माना जा रहा है मोनू विश्वकर्मा
बताया जा रहा है कि जब से जबलपुर पुलिस ने मोनू विश्वकर्मा को हिरासत में लिया था तब से ही उसे लगातार खांसी और सर्दी थी लिहाजा पूछताछ के लिए मोनू विश्वकर्मा सहित अन्य दो आरोपियों को पुलिस ने संजीवनी नगर थाना लेकर आए जिसके बाद जब पुलिस पूछताछ कर रही थी तभी अचानक ही मोनू विश्वकर्मा की तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज दिया गया जहां उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम से होगा मौत का खुलासा
मोनू विश्वकर्मा की आखिर मौत कैसे हुई,क्या वाकई में वह कोरोना वायरस की चपेट में था या फिर पुलिस लगातार उसे प्रताड़ना दे रही थी।बहरहाल अब इस पूरे मामले का खुलासा मोनू विश्वकर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह होगा,इधर जबलपुर अतरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल खंडेल का है कि गिरफ्तार करने के समय ही मोनू विश्वकर्मा को लगातार खांसी आ रही थी जिसके चलते अंदेशा यह भी जताया जा रहा है कि संभवत उसकी मौत कोरोना से हुई है। बहरहाल अब देखना यह होगा कि जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आती है तब क्या हकीकत सामने आती है।
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दो करोड़ की फिरौती ना मिलने से मोनू विश्वकर्मा और उसके दो अन्य साथियों ने की थी 13 साल के बच्चे की हत्या…. हम आपको बता दें कि समझी नगर क्षेत्र में रहने वाले 13 साल के एक बच्चे की मोनू विश्वकर्मा और उसके दो अन्य साथियों ने मिलकर करीब 3 दिन पहले उसका घर के पास से अपहरण किया था और उसके बाद बच्चे के परिजनों से लगातार फिरौती के लिए दो करोड़ रुपए की मांग की जा रही थी क्योंकि बच्चा मोनू विश्वकर्मा को पहचान गया था इसके चलते आरोपियों ने उसकी गला दबाकर हत्या की और बाद में उसका शव नहर में फेंक दिया लिहाजा आज ही बच्चे का शव पनागर के पास नहर में तैरते हुए मिला था जिसके बाद पुलिस ने इन तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था।