Dabra में चोरों के हौंसले बुलंद, लगातार वारदात को दे रहे अंजाम, प्रशासन आरोपियों को पकड़ने में नाकाम

सूत्रों के अनुसार अनुभाग के अंतर्गत अवैध कारोबार से पुलिस अपना समझौता करती है। आम जनता की सुरक्षा को लेकर पुलिस अपना पल्ला झाड़ रही है।

Dabra

Dabra News: ग्वालियर जिले के डबरा, भितरवार, बेलगड़ा, और पिछोर थाना क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों को चोर खुली चुनौती देते हुए निरंतर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। डबरा सिटी थाना क्षेत्र के अंतर्गत जगदंबा कॉलोनी बाला का डेरा से चोरों ने 25 अप्रैल की देर रात एक रिक्शा को चोरी कर लिया। जिसका नंबर mp 07 7601 है। वहीं मलिक पवन कुमार शर्मा पुत्र रघुवीर कुमार शर्मा निवासी जगदंबा कॉलोनी ने बताया कि वह शाम को रिक्शा चलाकर अपने घर आया और उसने रिक्शा को अपने घर के बाहर खड़ी कर दी। वहीं सुबह रिक्शा घर के बाहर खड़ी नहीं मिली, जिसके बाद पवन ने डबरा सिटी थाने पर पहुंच कर पुलिस को आवेदन के माध्यम से सूचना की। लेकिन पवन ने बताया कि पुलिस ने उसके आवेदन पर कोई प्राप्ति न देते हुए थाने से वापस कर दिया। जिससे पुलिस की कार्यशैली पर कई तरह के संदिग्ध सवाल खड़े होते हैं।

पुलिस सिर्फ दे रही आश्वासन

वहीं सूत्रों के अनुसार अनुभाग के अंतर्गत अवैध कारोबार से पुलिस अपना समझौता करती है। आम जनता की सुरक्षा को लेकर पुलिस अपना पल्ला झाड़ रही है। यही कारण है कि अपराधियों के भाव बढ़ते जा रहे हैं और ग्रामीण थाना क्षेत्र के अंतर्गत लगातार बाइक चोरियों के वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस फरियादियों की शिकायत पर बहुत मुश्किल से अपराध दर्ज करती है और उन्हें आश्वासन देती है कि शीघ्र बाइक चोर को गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन ऐसा कहीं कुछ नहीं है पुलिस अपनी खाकी वर्दी के खौफ में सिर्फ अपना जीवन जी रही है। आम जनता के प्रति क्या कर्तव्य है इससे पुलिस को कोई लेना-देना नहीं हैं। यही कारण है कि अपराधी लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।