भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) और विभागों के बंटवारे (Portfolio Distribution) की तरह मंत्रियों को जिले के प्रभार (District Charge) के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। विभाग वितरण के 1 महीने के बाद भी मंत्रियों को जिलों का प्रभार नहीं मिल पाया है। सूत्रों का कहना है कि 15 अगस्त के बाद मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिया जाने के आसार है। पिछले महीने की 13 तारीख को मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने जल्द ही उन्हें जिलों का प्रभार दिए जाने की बात कही थी।
उनका कहना था कि कुछ मंत्रियों को एक और कुछ को दो-दो जिलों का प्रभार दिया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से वन टू वन चर्चा के दौरान उनके प्रभार के पसंदीदा जिलों के बारे में चर्चा की थी। इस बीच सीएम चौहान कोरोना से संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हो गए, जिससे मंत्रियों को जिले का प्रभार दिया जाना अटक गया। मुख्यमंत्री की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है, अब 15 अगस्त के बाद कभी भी मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि विभागों की तरह सिंधिया समर्थक मंत्री (Scindia Supporter Ministers) अपनी पसंद के जिलों का प्रभार चाहते हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें बड़े जिलों का प्रभार दिया जाए। उन्होंने राज्यसभा सांसद ज्योतिराज सिंधिया (Rajyasabha MP Jyotiraditya Scindia) से उन्हें उनकी पसंद के जिले का प्रभार दिलाए जाने की गुहार लगाई है। जिन जिलों पर सिंधिया समर्थकों की नजर है शिवराज की कुछ करीबी मंत्री भी उन्हें जिलों का प्रभार चाहते हैं। यही वजह है कि मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने में देरी आ रही है।