PEB के खिलाफ अर्धनग्न होकर सड़कों पर उतरे कृषि छात्र, दी भूख हड़ताल की चेतावनी

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  ग्वालियर में पिछले 15 दिन से चल रहा कृषि छात्रों (Agriculture Student) का आंदोलन तेज होता जा रहा है। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) के खिलाफ आंदोलन कर रहे कृषि छात्र (Agriculture Student) उसकी अर्थी निकाल चुके हैं अस्थियां गंदे नाले में विसर्जित कर चुके हैं। आज सोमवार को कृषि छात्रों ने अर्धनग्न होकर एक रैली निकाली। उन्होंने कहा कि मामा शिवराज भृष्टाचारियों माफिया को उखाड़ फेंकने की बात करते है तो फिर पेपर आउट करने वाले माफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। कब तक जांच होगी ये जवाब चाहिए। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन अब जिंदगी और मौत की लडाई बन गया है।जरुरत पड़ी तो हम भूख हड़ताल पर भी जायेंगे।

प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) द्वारा आयोजित कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में टॉपर्स के एक जैसे नंबर आने के बाद से छात्रों का गुस्सा प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) के खिलाफ भड़क रहा है। ग्वालियर में कृषि छात्र पिछले 15 दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं छात्रों ने गुरुवार को PEB की अर्थी निकाली थी, शुक्रवार को अस्थियों को गंदे नाले में विसर्जित किया और आज सोमवार को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया।

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PEB अधिकारियों की धांधली के खिलाफ आंदोलन कर रहे कृषि छात्रों ने आरोप लगाए कि किसी भी परीक्षा में सभी 10 टॉपर्स के एक से नंबर नहीं आ सकते लेकिन PEB ने ये कारनामा कर दिखाया है। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे Msc अंतिम वर्ष के छात्र सुनील कुमार उपाध्याय ने आरोप लगाया कि 10 और 11 फरवरी को हुई कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा का पेपर अधिकारियों ने यहाँ लीक करवाया है इसीलिए उन छात्रों ने टॉप किया जिन्हें हिंदी लिखना नहीं आती। उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यापम का नाम बदलकर PEB कर दिया लेकिन इनके काले कारनामे अभी भी जारी हैं। ये घोटाला व्यापम पार्ट 2 है।

आक्रोशित छात्रों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) से अपील करते हुए कहा कि मामा आप कहते हो माफिया को , भ्रष्टाचार करने वालों को उखड फेंकोगे लेकिन ये पेपर माफिया पर मेहरबानी क्यों हो रही है। हमें जाँच का आश्वासन दिया गया है लेकिन ये नहीं पता कि जाँच कब शुरू होगी और कब तक रिपोर्ट आएगी। छात्रों ने कहा कि ये कोई प्रतिष्ठा की लड़ाई नहीं है ये अब जिंदगी और मौत की लड़ाई है। यदि परीक्षा जल्दी से फिर नहीं हुई और दोषियों को सजा नहीं मिली तो हम भूख हड़ताल तक पर चले जाएंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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