Air Pollution: पिछले 5 साल के दौरान, राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहे 131 शहरों को लेकर सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की शुरुआत की है। इसमें मध्यप्रदेश के 7 शहरों में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, देवास और उज्जैन शामिल हैं। यह प्रोग्राम प्रदूषण के कारणों का पता लगाने और उन्हें कम करने के लिए है। दरअसल देश में लगातार प्रदुषण का स्तर बढ़ रहा है। दुनिया में भारत को प्रदुषण के स्तर में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है जिसके चलते एक बड़ी परेशानी सरकार के सामने खड़ी हो गई है।
प्रदूषण के मुख्य कारण:
एक स्टडी में प्रदूषण के मुख्य कारणों की खोज में 30% प्रदूषण धूल के कणों से और 30% से 40% प्रदूषण यातायात के कारण हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। दरअसल आज हर शहर में आवाजाही बढ़ रही है। जिससे शहर में प्रदुषण का स्तर भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि अब सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोग्राम के चलते इसमें कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि प्रदेश में बढ रहे प्रदुषण को लेकर भोपाल में शोध हो चूका है।
शहरों में प्रदूषण कम करने के प्रयास:
मध्यप्रदेश में इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इंदौर में पीएम-10 का लेवल सुधारने के लिए स्वीपिंग मशीनों की अपेक्षित सेवाएं दी जा रही हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग बढ़ाया जा रहा है। हालांकि इसको लेकर बुधवार को शहर के ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सेमिनार हुआ। इसमें मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा भी उपस्थित रहे।
दरअसल नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम का शुभारंभ 2019 में किया गया था। मध्यप्रदेश के चार प्रमुख शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के लिए केंद्र सरकार ने 570 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत, 2019-20 को आधार वर्ष मानकर सभी सातों जिलों को पीएम-10 कम करने के टारगेट दिए गए थे।