सागर/विनोद जैन
सागर के मोतीनगर थाना क्षेत्र की 108 एंबुलेंस के ई एम टी डाक्टर हीरालाल प्रजापति को उस समय जान के लाले पड़ गये जब वो सागर टीबी हास्पिटल से एक कोरोना मरीज को बुंदेलखंड मेडीकल कालेज लेकर जा रहा था। इस दौरान पीपीई किट जो प्लास्टिक से बनी थी उसे पहले हुए उन्हें करीब 45 मिनिट धूप में ही खड़ा रहना पड़ा और इसके बाद वो बेहोश होकर सडक पर गिर गये लेकिन मेडीकल कालेज से कोई भी वार्ड बाय उन्हें उठाने तक नहीं आया। जब 108 के साथी कर्मचारियों ने उन्हें उठाकर अंदर इलाज के लिये ले जाना चाहा तो जवाब मिला कि इनको जिला चिकित्सालय लेकर जाओ, यहां बुंदेलखंड मेडीकल कालेज में कोई डाक्टर नहीं है। अफसोस की बात है कि कोरोना संकटकाल में लोगों के लिए सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य विभाग के सहकर्मी के साथ स्वास्थ्य विभाग का यह अमानवीय रवैया है तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा।