यादों को सहेजने यहाँ बनेगा “अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल स्मार्ट स्कूल व म्यूजियम”

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। “भारत रत्न”, ग्वालियर के लाल, देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की यादों को सहेजने के लिए लंबे समय से किये जा रहे प्रयास अब मूर्त रूप लेने लगे हैं। ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी (Gwalior Smart City Company) अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा का केंद्र रहे गोरखी स्कूल ( Gorkhi School) का जीर्णोद्धार करने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने तैयारी शुरू कर दी है।

ग्वालियर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा (Maharaj Bada)और उसके आसपास के क्षेत्र में कई विकास कार्य किये जा रहे हैं और शहर को खूबसूरत बनाया जा रहा है। इसी क्रम में अब एक काम और जुड़ने जा रहा है वो है गोरखी स्कूल का जीर्णोद्धार। महाराज बाड़ा परिसर में स्थित एतिहासिक इमारत गोरखी का स्कूल परिसर है, यह इमारत एतिहासिक होने के साथ साथ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रारम्भिक शिक्षण संस्थान के रूप में अपनी पहचान रखती है। अटल बिहारी वाजपेयी का बचपन गोरखी स्कूल की जिन कक्षाओं में बीता, उन्हें अब ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी सहेजेगी, इसके साथ ही मौजूदा गोरखी स्कूल के एक भाग में अटल जी यादों को एक संग्रहालय में सहेजा व प्रदर्शित किया जाएगा। ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी की सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि स्मार्ट सिटी द्वारा इस स्कूल को अटल जी की स्मृति के रूप में सहेजते हुये पुनर्निर्माण का कार्य किया जायेगा। श्रीमती सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि गोरखी स्कूल भवन एक एतिहासिक इमारत के रूप में ग्वालियर के गोरखी परिसर में स्थित है। यह इस परिसर का सबसे पुराना हिस्सा है जिसे बाद में शिक्षण संस्थान के रूप में इस्तेमाल किया गया।

स्थापित होगा अटल बिहारी वाजपेयी स्मार्ट स्कूल और म्यूजियम

ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल स्मार्ट स्कूल तथा एक भाग में संग्रहालय विकसित किया जाना है। इस परियोजना के क्रियान्वयन हेतु ग्वालियर स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा निविदाएँ आमंत्रित की गई हैं तथा जल्द ही यह परियोजना मूल आकार लेगी। श्रीमती सिंह ने बताया कि शासकीय गोरखी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन के संरक्षण और अनुकूल उन्नयन परियोजना का उद्देश्य गोरखी पैलेस कॉम्प्लेक्स के एतिहासिक भवन का संरक्षण तथा अनुकूल उन्नयन कर पुन: उपयोग कर शहर के केंद्र में एक तकनीकी औऱ व्यवहारिक मूल्यों को प्रदर्शित व प्रसारित करती शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही परिसर को “अटल बिहारी मेमोरियल” परिसर के रूप में विकसित करना भी इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है। परियोजना की मुख्य विशेषताओं में अटल जी के साहित्यिक कार्यों को एक पुस्तकालय के रूप में स्थापित करते हुये अटल बिहारी वाजपेयी जी से संबंधित इंटरनेट आधारित अत्याधुनिक म्यूजियम गैलरी का विकास करना भी है। परियोजना के अंतर्गत मौजूदा शैक्षणिक परिसर को मजबूत करना और स्कूल की क्षमता बढ़ाने के लिए भवन परिसर को बढ़ाना भी शामिल है। इंटरनेट आधारित गैलरी के माध्यम से श्री वाजपेयी जी के जीवन को होलोग्राफिक रूप से आधुनिक भारत के एक सच्चे राजनेता के रुप में व्याख्या की जायेगी।

शासकीय गोरखी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन का एक परिचय

गोरखी परिसर का कुल क्षेत्रफ़ल 4887 वर्ग मीटर या 1.20 एकड़ है। 2134.43 वर्ग मीटर के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ स्कूल में 12 क्लासरूम (695.79 वर्गमीटर), 4 विज्ञान लैब (254 वर्गमीटर), 1 स्टाफ रूम और 5 अन्य कमरे हैं। सभी कक्षाएं हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में संचालित होती हैं। इस विद्यालय को दोहरी पाली में संचालित किया जाता है, प्रत्येक पाली में 600 छात्र रहते हैं। वर्तमान में यह एतिहासिक परिसर संरचनात्मक रूप से असुरक्षित है और पीडबल्यूडी द्वारा भी इसकी चेतावनी दी गई है। ग़ौरतलब है कि इस परिसर में चल रहे गोरखी माध्यमिक विद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नें अपनी शुरुआती शिक्षा ग्रहण की है। खास बात यह है कि 1935-38 में जब अटल जी इस स्कूल में पढ़ा करते थे उसका उल्लेख स्कूल के रजिस्टर में है तथा आज भी उस रजिस्टर को सहेज कर रखा गया है जिसमें कभी अटल जी की उपस्थिति दर्ज हुआ करती थी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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