भोपाल।
मध्यप्रदेश (mp) की शिवराज सरकार(shivraj sarkar) भले ही मजदूरों को फ्री में घर पहुंचाने का दावा कर रही हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हैरानी की बात तो ये है कि सरकार के इस दावे को उनके ही अधिकारी पलीता लगा रहे है।ताजा मामला राजधानी भोपाल (bhopal) से सामने आया है जहां मजदूरों को घर लौटने के लिए ट्रेन की यात्रा के लिए वसूली की जा रही है।भोपाल से बिहार लौटने वाले मजदूरों से 675 रुपए प्रति व्यक्ति की वसूली की जा रही है।इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सरकार पर हमला बोला है।
दरअसल, भोपाल में मुफ्त टिकट की उम्मीद में टोकन लेने पहुंच रहे मजदूर पैसों की डिमांड के बाद मायूस हो रहे है। मजदूरी करने भोपाल आये लोग दो महीने से दो जून की रोटी के मोहताज हो रहे है। रोजगार नहीं मिलने से टिकट के पैसे का तक का जुगाड़ नहीं कर पा रहे है।मजदूरों का कहना है कि 2 महीने से काम नहीं मिला किराए के लिए पैसे कहां से लाएं? हमारी टीम ने काउंटर पर मौजूद अधिकारियों से भी बात की। उन्होंने कहा कि टिकट के लिए किराया वसूलने के शासन के आदेश हैं।ऐसे में मजदूरों के सामने घर जाने के लिए पैसों की जुगाड़ करना एक बड़ी परेशानी बन गया है। सरकार भले ही लाख दावे कर रही है लेकिन उनके ही अधिकारी इस पर पानी फेर रहे है।
कमलनाथ ने ट्वीटर से बोला हमला
कमलनाथ ने ट्वीटर के माध्यम से लिखा है कि केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है कि प्रवासी मज़दूरों , ग़रीबों की घर वापसी के लिये विशेष ट्रेन चलायी जा रही है , उसका उनसे कोई किराया नहीं लिया जा रहा है , जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। ऐसे कई मामले पूर्व में भी सामने आ चुके है , जिसमें टिकट के पैसों की वसूली की गयी है।अब प्रदेश में टिकट वसूली का दूसरा तरीक़ा ढूँढ लिया गया है।यह है भोपाल की तस्वीर , जहाँ टिकट के पैसे वसूल कर टोकन दिया जा रहा है। हद है बेशर्मी की – यह है इनकी वास्तविकता
केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है कि प्रवासी मज़दूरों , ग़रीबों की घर वापसी के लिये विशेष ट्रेन चलायी जा रही है , उसका उनसे कोई किराया नहीं लिया जा रहा है , जबकि सच्चाई इसके विपरीत है।
1/2 pic.twitter.com/wwQltjGlRr— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 23, 2020