नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। किसान आंदोलन (Farmers Protest) के दौरान सोशल मीडिया (Social Media) खासकर ट्विटर (twitter) पर जिस तरह हेश टेड ट्रेंड कर और भड़काऊ पोस्ट डालकर विश्व स्तर पर भारत को बदनाम करने की कोशिश की गई उसे लेकर भारत सरकार ने ट्विटर को निर्देश दिए थे कि वो इन बातों पर नियंत्रण रखे। सरकार ने 2 दिन पहले ट्विटर (twitter) से 1178 पाकिस्तानी,खालिस्तानी एकाउंट हटाने को कहा था। सरकार का कहना था कि इन अकाउंट्स के जरिए किसान आंदोलन से जुड़ी गलत जानकारियां और भड़काऊ कंटेंट फैलाया जा रहा है।
भारत सरकार ने सख्ती दिखाते हुए ट्विटर (twitter) को IT एक्ट की धारा 69A के तहत नोटिस दिया था। नोटिस में कहा गया था कि ट्विटर (twitter) एक्शन नहीं लेगा तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस धारा में 7 साल की जेल का प्रावधान है। ट्विटर (twitter) ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि 500 एकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया गया है, जिन एकाउंट को सस्पेंड किया गया है, वे कंपनी की पॉलिसी का वॉयलेशन कर रहे थे। इसलिए उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है।
एक्टिविस्ट,पत्रकार, राजनेताओं पर कोई एक्शन नहीं
500 काउंट सस्पेंड करने के बाद ट्विटर (twitter) ने यह भी बताया कि पिछले 10 दिनों में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड आईटी की तरफ से कई आदेश मिले थे, जिनमें विवादित एकाउंट ब्लॉक करने के लिए कहा गया था। लेकिन कुछ एकाउंट ऐसे भी हैं, जिन्हें भारत में ब्लॉक किया गया है, लेकिन वे दूसरे देशों में एक्सेस रहेंगे। ट्विटर (twitter) ने कहा कि ‘क्योंकि हमें नहीं लगता कि जो एक्शन लेने के हमें निर्देश मिले हैं, वो भारतीय कानूनों के अनुरूप हैं, और फ्री स्पीच और फ्रीडम ऑफ एक्सेप्रशन को सुरक्षा देने की हमारी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए हमने किसी भी न्यूज मीडिया संस्थान, पत्रकार, एक्टिविस्ट्स या नेता के अकाउंट के खिलाफ एक्शन नहीं लिया है. ऐसा करके हम भारतीय कानूनों के तहत मिले उनकी अभिव्यक्ति के मूलभूत अधिकार पर रोक लगा रहे होंगे।
आपत्तिजनक कंटेंट की विजिबिलिटी भी घटाई
ट्विटर (twitter) के मुताबिक पिछले हफ्तों में हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए आपत्तिजनक कंटेंट वाले हैशटेग की विजिबिलिटी भी कम कर दी गई है। साथ ही कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी पर हुई हिंसा के बाद भारत में अपने नियमों को लागू करवाने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनके बारे में रेगुलर अपडेट दे रहे है