इंदौर।
कोरोना संकटकाल के दौरान राज्य शासन ने शिक्षा विभाग के शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है। जहां एक तरफ वह सर्वे का कार्यभार संभाल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ बीएलओ बने मतदाता परिचय कार्ड भी बनवा रहे हैं। इस बीच प्रशासन द्वारा एक आश्चर्य चकित कर देने वाली गतिविधि सामने आई है। जिसके बाद शिक्षक खुद हैरत में है।
दरअसल राज्य शासन द्वारा पहली बार एक ही शिक्षक को तीन तीन जिम्मेदारी एक साथ सौंप दी गई है। जिसके बाद शिक्षक खुद असमंजस में है कि वह ड्यूटी कहां करें। महामारी के बीच प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह भी है कि शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी आदेश में एक शिक्षक को 3 दिन ड्यूटी एक साथ दे दी गई। जिसके बाद शिक्षक ने जिला पंचायत सीईओ को इस बात से अवगत कराया। सीईओ ने जल्दी गलती सुधार करने की बात कही है। वहीं दूसरी तरफ मीडिया ने जब जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कहा कि तीनों जिम्मेदारी बेहद महत्वपूर्ण है। जिसे एक शिक्षक पूरे नहीं कर सकेंगे। वहीं उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदारों द्वारा की गई गलती को सुधारने की बात कही है।
बता दें कि तेजी से फैल रहे संक्रमण के बीच प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग के शिक्षकों को भी तीन-तीन जिम्मेदारी सौंपी गई है। जहां एक तरफ उन्हें “हमारा घर हमारा विद्यालय” के तहत बच्चों की पढ़ाई कराने कि ड्यूटी लगी है वहीं दूसरी तरफ बीएलओ मतदाता परिचय कार्ड भी अपडेट कर रहे हैं। इसके साथ ही “किल कोरोना सर्वे” के तहत उन्हें मॉनिटरिंग का काम भी सौंपा गया है। इसी बीच जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा इस तरह की बड़ी गलती सामने आना वाकई शिक्षा कार्यालय प्रशासन पर एक सवाल है। हालांकि इसके लिए सीईओ के अलावा किसी अधिकारी ने भी बात करने से साफ मना किया। वहीं दूसरी तरफ शिक्षक भी कुछ बोलने से बचते रहे हैं।