बंगाल में बढ़ा भाजपा का कुनबा, भड़की कांग्रेस, कहा “अमित शाह को गृह मंत्री पद से हटा दो”

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मिदनापुर (Midnapore) में आयोजित आमसभा में शामिल होने गए गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah)में ममता बनर्जी के खेमे में जबरदस्त सेंध लगाईं है। अमित शाह की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के अलावा कांग्रेस(Congress),सीपीआई (CPI), सीपीआईएम (CPIM) के नेता भी भाजपा में शामिल हो गए। जो नेता भाजपा (BJP) में शामिल हुए हैं उनमें 11  विधायक, 01  सांसद और एक पूर्व सांसद शामिल हैं। विधायकों में शुभेंदु अधिकारी, तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी, सैकत पंजा, शीलभद्र दत्ता, दीपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यामपदा मुखर्जी, विश्वजीत कुंडू और बंसारी मैती शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व बर्द्धमान से TMC सांसद सुनील मंडल और पूर्व सांसद दशरथ टिर्के भी बीजेपी में शामिल हुए।

इतने नेताओं के एक साथ भाजपा में शामिल होने पर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसा है।  मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा  ट्वीट करते हुए कहा कि  “श्री अमित शाह को देश के गृहमंत्री पद से मुक्त कर गैर भाजपाई राज्य सरकारों को गिराने वाले मंत्रालय का सृजन कर उसका कार्यभार सौंपना चाहिए,प.बंगाल में आज उनकी मौजूदगी में 11  विधायक,01 सांसद,01 पूर्व सांसद भाजपा में शामिल हुए! कीमत?? ये लोकतंत्र के हत्यारे हैं या?

गौरतलब है कि  मिदनापुर की रैली में मंच से अमित शाह ने अपने भाषण में ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘दीदी कहती हैं कि बीजेपी सभी दलों से दलबदल करती है। मैं दीदी को याद दिलाना चाहता हूं कि आपकी मूल पार्टी भी कांग्रेस ही थी। यह तो सुगबुगहाट है। जिस प्रकार की सुनामी मैं देख रहा हूं, वैसी ममता बनर्जी ने कल्पना भी नहीं की होगी।’ उन्होंने कहा कि ये जो लोग बीजेपी में आ रहे हैं, कभी मां-माटी-मानुष के नारे के साथ आगे बढ़े थे। आज इन लोगों का मोहभंग हो गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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