Makar Sankranti 2025: मकर राशि में सूर्य गोचर वाले दिन को “मकर संक्रांति” कहा जाता है। हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति यानि उत्तरायण पर्व का विशेष महत्व होता है। दान, पुण्य, स्नान, तिल और खिचड़ी सेवन जैसी परम्पराएं भी इससे जुड़ी हैं। सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से लाभ होता है।
इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। ऐसा करने पर देवी-देवता रुष्ट होते हैं। जीवन में परेशानियाँ भी बढ़ सकती है। घर-परिवार में की शांति भंग हो सकती है।
न करें इन चीजों का सेवन
मकर संक्राति के दिन लहसुन-प्याज, सिगरेट, गुटका, शराब, मांसाहार, मसालेदार और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। तिल, खिचड़ी और सादा भोजन करना शुभ होता है।
पेड़-पौधों की कटाई-छटाई न करें
मकर संक्रांति का पर्व हरियाली और प्रकृति को समर्पित होता है। इसलिए इस दिन पेड़ और पौधों की कटाई-छटाई करना उचित नहीं माना जाता है। फसल की कटाई भी नहीं करनी चाहिए।
स्नान के बिना न करें भोजन
उत्तरायण के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। यदि आप नदियों में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही स्नान करने के बाद भोजन करें।
सूर्यास्त के बाद भी भोजन न करें
मकर संक्रांति के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन करना शुभ नहीं माना जाता है। यह समय सूर्यदेव की पूजा का होता है।
भूलकर भी न करें ये गलती
मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य करना चाहिए। किसी गरीब और जरुरतमन्द को अपने चौखट से खाली हाथ न भेजें। काले रंग के कपड़े, कैंची, चाकू, पुराने समान, जूते-चप्पल इत्यादि का दान न करें।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)