Bribe : तीन हज़ार की रिश्वत लेते तहसीलदार का बाबू गिरफ़्तार

Atul Saxena
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डबरा, सलिल श्रीवास्तव। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के सख्त तेवर और प्रशासनिक मशीनरी के लगातार एक्शन के बाद भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत  (Bribe) लेने से खौफ नहीं खा रहे। इस बार तहसीलदार का बाबू 3000 रुपये की रिश्वत (Bribe)लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया है। कार्रवाई ग्वालियर लोकायुक्त टीम ने की है।

ताजा मामला ग्वालियर जिले की डबरा तहसील का है यहां लोकायुक्त (Lokayukta) ग्वालियर की टीम ने दबिश देकर एक बाबू को 3000 रुपये की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया बाबू नामांतरण के नाम पर रिश्वत (Bribe) की मांग कर रहा था। आपको बता दें कि फरियादी उदय भान सिंह रावत निवासी गोबरा वृत्त छीमक का एक नामांतरण प्रकरण छीमक मंडल में लंबित था जिसके लिए वह काफी लंबे समय से चक्कर लगा रहा था नामांतरण ना होने के चलते बाबू ओमप्रकाश से उसकी बातचीत हुई तो मामला 3000 रुपये में तय हो गया। लेकिन उदयभान ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी।

शिकायत के बाद लोकायुक्त (Lokayukta)  ने बाबू को रंगेहाथ गिरफ्तार करनी की प्लानिंग कई। रिश्वत की  राशि देने के लिए उदयभान सिंह आज तहसील परिसर स्थित मंडल के कार्यालय में बाबू ओम प्रकाश पैसे देने पहुंचा तो पहले से ही तैयार बैठी  लोकायुक्त टीम (Lokayukta Team) ने बाबू को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त (Lokayukta) की कार्रवाई से पूरे तहसील परिसर में हड़कंप मच गया।

इस घटना से इतना तो तय है कि शासन ने भले ही नामांतरण की प्रक्रिया सरल बनाने की बात की हो पर अधीनस्थ कर्मचारियों के चलते प्रक्रिया सरल होने की जगह काफी जटिल हो चुकी है जिसके कारण लोगों को अधिकारियों के दरवाजे पर चक्कर लगाने पड रहे हैं जबकि होना यह चाहिये की रजिस्ट्री के तत्काल बाद नामतरंण हो जाना चाहिये जिससे ग्रामीण अंचल के लोगों को बार बार तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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