Christmas in Bethlehem amid war : दुनियाभर में आज क्रिसमस का त्यौहार उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। विभिन्न देशों में चर्चों को सजाया गया है, सड़कों पर रोशनी है, उत्सव की चहल-पहल है। लोग एक-दूसरे को उपहार देकर और विशेष प्रार्थनाओं में शामिल होकर यीशु मसीह के जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। लेकिन ईसा मसीह का जन्मस्थान बेथलेहम (फिलिस्तीन) इस बार सन्नाटे में डूबा हुआ है। गाजा में जारी संघर्ष के कारण इस साल बेथलहम में क्रिसमस उत्सव सामान्य रूप से नहीं मनाया जा रहा है।
गाजा पट्टी में इज़राइल और हमास के बीच हिंसा की यह सबसे लंबी और क्रूर अवधि है, जो 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुई थी। इस संघर्ष में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हैं। इस संघर्ष के मानवीय प्रभाव गंभीर हैं। इस प्रकार, गाजा में जारी युद्ध के कारण बेथलेहम में क्रिसमस का उत्सव भी प्रभावित हुआ है।
युद्ध के साये में Christmas का उत्सव फीका पड़ा
फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में स्थित बेथलेहम में इस बार क्रिसमस की धूमधाम नहीं है। गाज़ा युद्ध की छाया में ये दूसरा साल है जब यहां क्रिसमस उत्सव उदासी के साये में डूबा रहा। युद्ध के प्रभाव के कारण बेथलहम में उत्सव की चहल-पहल कम हो गई है। मैंगर स्क्वायर, जो आमतौर पर रंग-बिरंगी रोशनियों और विशाल क्रिसमस ट्री से सजता है, इस बार सूना है। वहीं इस बार पर्यटकों की भीड़ भी नहीं दिख रही है।
शांति मार्च निकाला गया
क्रिसमस ईव पर फिलिस्तीनी स्काउट्स ने सड़कों पर एक शांति मार्च निकाला, जो उनके पारंपरिक जोशीले और संगीत से गूंजने वाले ब्रास बैंड से बिल्कुल अलग था। मार्च में शामिल कुछ लोगों ने हाथों में तख्तियां थाम रखी थीं जिनपर लिखा था “हमें जीवन चाहिए, मृत्यु नहीं।” इस बीच, सुरक्षा बलों ने चर्च ऑफ द नैटिविटी के आस-पास कड़ी चौकसी रखते हुए अवरोध लगाए। यह वही स्थान है, जिसे यीशु के जन्मस्थल के ऊपर बनाया गया माना जाता है।
पादरी मोथेर इसाक का क्रिसमस संदेश
बेथलेहम के इवेंजेलिकल लूथरन क्रिसमस चर्च के पादरी मोथेर इसाक ने अपने क्रिसमस संदेश में कहा है कि अगर यीशु आज जन्म लेते तो वे गाजा में मलबे के नीचे पैदा होते। पादरी इसाक ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि यह दृश्य दुनिया को फिलिस्तीन की “न्याय” की ज़रूरत और गाजा में युद्ध विराम की तत्काल आवश्यकता के बारे में बताएगा। उन्होंने गाजा में हो रही हिंसा की निंदा करते हुए इसे ‘नरसंहार’ कहा और पश्चिमी देशों की आलोचना की, जिन्हें उन्होंने गाजा में इजरायली बमबारी में भागीदार माना। पादरी मुंथेर इसाक का क्रिसमस संदेश इस वर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिसमें उन्होंने गाज़ा में जारी संघर्ष और उसके मानवीय प्रभावों पर गहरा दुख व्यक्त किया है।