भोपाल।
मध्यप्रदेश में बहुप्रतीक्षित शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सिंधिया समर्थक ऐंदल सिंह कसाना, इमरती देवी, प्रभु राम चौधरी सहित गोपाल भार्गव , जगदीश देवड़ा ने कैबिनेट पद की शपथ ले ली है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के पूर्व मंत्रियों को कैबिनेट में स्थान नहीं मिल पाया।दूसरी तरफ मंत्रिमंडल के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर भी संशय बरकरार है।
दरअसल शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में कुल 28 नामों की लिस्ट मुख्यमंत्री चौहान ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सौंपी। जिनमें सिंधिया गुट के 10 मंत्रियों के नाम शामिल थे। इन्हें कैबिनेट एवं राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाया गया है। दूसरी तरफ सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर भी संशय बरकरार है। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को विधानसभा अध्यक्ष बनाने के समर्थन में है। वही भार्गव के मंत्री बनने पर यह तो तय है कि सीताशरण शर्मा को दोबारा विधानसभा अध्यक्ष का पदभार दिया जा सकता है। वैसे सूत्रों की माने तो हाईकमान की तरफ से सिंधिया खेमे के कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा को उपमुख्यमंत्री बनाने का विकल्प मध्य प्रदेश बीजेपी को सौंपा गया है लेकिन फिलहाल इस पर भी संशय बरकरार है।
वहीं बीजेपी के पूर्व मंत्रियों पर गौरी शंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, सुरेंद्र पटवा और जालम सिंह पटेल को मंत्रिमंडल विस्तार से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में इन नामों को लेकर बुधवार देर रात तक संशय की स्थिति बनी रही। जिसके बाद देर रात सीएम हाउस से इन्हें बुलावा भेजा गया। हालांकि वहां से निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करने से साफ इनकार कर दिया। दूसरी तरफ शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नए मंत्रिमंडल के साथ पहली बैठक करेंगे। मंत्रालय में आयोजित इस बैठक में शपथ लेने वाले सभी नवनियुक्त मंत्री भी शामिल होंगे।