भोपाल/बालाघाट, सुनील कोरे| बालाघाट और मंडला (Balaghat and Mandla) में गरीबों को घटिया चावल बांटने के मामले में सरकार (Government) ने बड़ी कार्यवाही की है| चावल (RICE) की गुणवत्ता कार्य के लिए जिम्मेवार गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं वहीं बालाघाट के जिला प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है। संबंधित मिलर्स के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
दरअसल, बालाघाट और मंडला के आदिवासी बाहुल जिलों में गोदामों में भरा घटिया चावल बांटने का मामला सामने आया है| लगातार मिल रही शिकायत के बाद केंद्र की टीम ने चावलों का परीक्षण किया था| जिसके बाद चावलों की गुणवत्ता जांच की गई| इसमें पाया गया कि जो चावल गरीबों को बांटा गया वह जानवरों को खिलाने लायक था|
CM ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
मामला सामने आने पर बवाल मच गया| मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए । साथ ही हिदायत भी दी कि राशन, खाद आदि की गड़बड़ी अथवा कालाबाजारी करने वालों को बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा तथा उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
51 दलों ने 1021 सैम्पल लिए
चावल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए भारतीय खाद्य निगम एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 51 संयुक्त दल बनाए गए, जिन्होंने दोनों जिलों से चावल के 1021 सैम्पल लिए। प्रारंभिक जांच के परिणाम स्वरूप इनमें से 57 सैम्पल निर्धारित गुणवत्ता विहीन पाए गए।
मिलर से गुणवत्ता युक्त चावल प्राप्त किए जाएंगे
राज्य की कस्टम मिलिंग नीति में उल्लेखित प्रावधान अनुसार मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग उपरान्त दिए गये निम्न गुणवत्ता के चावल मिलर को वापस कर मानक गुणवत्ता के चावल प्राप्त किए जाएंगे।