छतरपुर, संजय अवस्थी। छतरपुर नगर पालिका (Chhatarpur Nagar Palika) द्वारा भवन निर्माण की स्वीकृति में किया गया बड़ा कारनामा सामने आया है। नगर पालिका छतरपुर (Chhatarpur Nagar Palika) के द्वारा शहर की तीन विवादित बहुमंजिला इमारतों को बगैर टीएंडसी पी (T&CP) विभाग की अनापत्ति लिए ही निर्माण स्वीकृति जारी कर दी गई। यह कारनामा नगर पालिका छतरपुर (Chhatarpur Nagar Palika) के द्वारा वर्ष 2015, 2018 एवं 2016 में किया गया। इन तीनों भवनों को निर्माण स्वीकृति देते समय न तो नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा अनुमोदित नक्शे को देखा गया और न ही नियम कानून की समीक्षा की गई। अब नगर पालिका की इन्हीं निर्माण स्वीकृतियों को आधार बताकर शहर के छत्रसाल चौक के समीप रूसिया बिल्डिंग, कांग्रेस कार्यालय के सामने स्थित रिकांडो बिल्डिंग एवं सटई रोड पर निर्माणाधीन अग्रवाल बिल्डिंग के द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
पिछले दिनों जब सरकार द्वारा चलाए गए एंटी माफिया अभियान (Anti Mafia Campaign) के तहत इन इमारतों से जुड़ी शिकायतें सामने आईं तब नगर पालिका ने 8.01.2021 को रूसिया बिल्डिंग, रिकांडो बिल्डिंग और अग्रवाल बिल्डिंग के संचालकों को नोटिस जारी किए थे। नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि रूसिया बिल्डिंग के संचालकों रंजना पत्नि प्रेमनारायण रूसिया, गायत्री पत्नि जगतनारायण रूसिया, निर्मला पत्नि अशोक कुमार रूसिया, निधि पत्नि विवेक रूसिया के द्वारा अलग-अलग भूखण्ड के स्वामित्व एवं रजिस्ट्री के बावजूद संयुक्त रूप से भवन में बेसमेंट, भूतल, प्रथम तल, द्वितीय तल निर्मित किया गया है जिसमें कुल निर्माण का क्षेत्रफल 4221.00 वर्गमीटर निर्मित पाया गया है।
प्रकरण में यह पाया गया कि नगर पालिका (Chhatarpur Nagar Palika) द्वारा जारी निर्माण स्वीकृति में बेसमेंट निर्माण की अनुमति नहीं ली गई थी फिर भी संचालकों के द्वारा बेसमेंट निर्माण कर दिया गया और एफएआर व भवन की ऊंचाई के संंबंध में निर्धारित विकास योजना के नियमों का पालन नहीं किया। इसी तरह संचालकों के द्वारा जवाहर मार्ग हाइवे से 70 फिट छोड़कर निर्माण किया जाना चाहिए था लेकिन निर्माण 48 फिट छोड़कर किया गया। संचालकों ने रेम्प, चबूतरे और सीढ़ी का अनुचित निर्माण भी किया। इनको 24.12.2016 में निर्माण स्वीकृति जारी की गई थी जो कि नगर पालिका सीएमओ एवं अध्यक्ष के द्वारा नोटशीट पर दस्तखत कर की गई। इस स्वीकृति में भी 33 प्रतिशत भाग खुला छोडऩे के निर्देश थे फिर भी संपूर्ण भू भाग पर निर्माण कर लिया गया। इस तरह की पांच बड़ी कमियों को देखते हुए नपा ने 08.01.2021 को रूसिया बिल्डिंग संचालकों को नोटिस तो जारी कर दिए लेकिन अब इनके विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु नगर पालिका का अमला आनाकानी कर रहा है। क्योंकि निर्माण स्वीकृति देते समय की गई गलतियों पर भी जांच का विस्तार हो सकता है।
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इसी तरह का मामला रिकांडो बिल्डिंग के संचालक से भी जुड़ा हुआ है जिसमें कृष्णादेवी अग्रवाल को वर्ष 2018 में निर्माण स्वीकृति जारी की गई थी। उक्त बिल्डिंग का निर्माण भी बगैर टीएनसी की अनापत्ति लिए शुरू कर दिया गया। इस बिल्डिंग के निर्माण में भी ऊपर बताई गई तमाम खामियां सामने आयीं जिस पर नगर पालिका ने 22.12.2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था लेकिन फिर इस मामले को भी ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। सटई रोड की अग्रवाल बिल्डिंग पर तो नजूल की जमीन पर कब्जे और बगैर टीएनसी की अनापत्ति लिए निर्माण कार्य करने के आरोप हैं। नपा इस बिल्डिंग को लेकर भी नोटिस जारी कर चुकी है लेकिन बिल्डिंग संचालक के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कुल मिलाकर इस मामले से यह साबित हो रहा है कि पिछले पांच वर्षों में नपा द्वारा साठगांठ कर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए निर्माण स्वीकृतियां जारी की गईं। अब नगर पालिका और जिला प्रशासन इन गलतियों के खिलाफ जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने से बच रहा है।
उधर इस मामले में नगर पालिका छतरपुर (Chhatarpur Nagar Palika) के सीएमओ (CMO) ओमपाल सिंह भदौरिया का कहना है कि तीनों भवनों के संबंध में टीएनसी, पीडब्ल्यूडी एवं अन्य जिम्मेदार विभागों से उनके नियमों की जानकारी मांगी गई है। जैसे ही जानकारी कार्यालय को प्राप्त होती है भवनों के निर्माण से लेकर इनको जारी की गई अनुमतियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। मामला कलेक्टर के संज्ञान में है।