लता जी के निधन पर भावुक हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, जानें क्या लिखा अपनी पोस्ट में

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारत की सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का आज 6 फरवरी 2022 को निधन हो गया।आज सुबह 92 साल की उम्र उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनके निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। उनके निधन की खबर लगते ही संगीत जगत समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने भी लता दीदी के निधन पर दुख जताया और एक के बाद एक सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट की है।इस पोस्ट में उन्होंने लता जी की अलग अलग दौर की तस्वीरे भी शेयर की है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा है कि स्वर कोकिला आदरणीय लता_मंगेशकर जी नहीं रहीं। स्वर के महायुग का अंत हो गया। लता दीदी आपके बिना यह देश सूना है, गीत-संगीत सूने हैं, हर घर सूना है, ह्रदय घट सूना है। आपकी कमी कभी कोई पूरी नहीं कर सकता। गीत-संगीत की देवी मानकर आप की पूजा करते रहेंगे। लता दीदी के चरणों में प्रणाम।स्वर साम्राज्ञी, परम श्रद्धेय लता मंगेशकर जी के निधन से अन्तर्मन दुख, पीड़ा, शोक से व्यथित है। देश ही नहीं, समूचे विश्व ने एक ऐसी स्वर साधिका को खो दिया, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से जीवन में आनंद घोलने वाले असंख्य गीत दिए। लता दीदी का तपस्वी जीवन स्वर साधना का अप्रतिम अध्याय है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा है कि गीत-संगीत के प्रति समर्पण से परिष्कृत आपका व्यक्तित्व शालीनता, सौम्यता व आत्मीयता की त्रिवेणी रहा, जो कला साधकों को अनंतकाल तक प्रेरित करता रहेगा।ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। अपनी सुमधुर अमर आवाज से लता दीदी सदैव हम सभी के बीच रहेंगी।आपका जीवन हिंदी फिल्म जगत के साथ ही भारतीय संगीत की ऐसी अद्भुत यात्रा रही, जिसने कई पीढ़ियों को मानवीय संवेदनाओं को जीवंत करते गीत-संगीत से जोड़ा। फिल्म जगत के उद्भव से अत्याधुनिक युग में प्रवेश करने तक दीदी सहयोगी से संरक्षक तक की भूमिका में रहीं। आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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