भोपाल।
100 दिनों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। 2 जुलाई को आखिरकार बहुप्रतीक्षित शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार (Shivraj cabinet expansion) होने जा रहा है।खबर है कि लंबे मंथन के बाद नामों पर सहमति बन गई है।बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा (BJP National President JP Nadda) ने मंत्रिमंडल के नामों को हरी झंडी दे दी है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज ने इस पर मुहर लगाई है। आज अपेक्स भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ तौर पर कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार कल यानी गुरुवार को होगा। आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शपथ लेंगी और 2 जुलाई को मंत्रिमंडल शपथ लेगा, हालांकि इस दौरान शिवराज ने ऐसी बात भी कई जिसके सियासी गलियारों में कई मयाने निकाले जा रहे है।
शिवराज ने कहा कि मंथन से अमृत निकलता है और विष को शिव पी जाते है। सुत्रों की माने तो हाईकमान ने शिवराज की लिस्ट में कई नाम इधर-उधर किए है, कई दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, लिस्ट में उपचुनाव और सिंधिया समर्थकों को ध्यान में रखकर नाम फायनल किए गए है, ऐसे में शिवराज के चहेतों के बाहर होने की खबर है। इस बयान को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।मंत्रिमंडल में तकरीबन दो दर्जन मंत्रियों के शामिल होने की चर्चा है।
इधर खबर मिल रही है कि आज शाम को मध्य प्रदेश के प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे (Vinay Sahasrabuddhe in charge of Madhya Pradesh) मंत्रियों की सूची और अपनों को मनाने का एक नया फार्मूला लेकर भोपाल आ रहे है। इस फार्मूले के तहत नए चेहरों को शामिल किए जाने के साथ-साथ वरिष्ठ विधायकों को भी एडजस्ट किया जाएगा। इतना ही नही कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल के बाद उठने वाले बगावत सुरों और अतंरकलह को शांत करने में ये फॉर्मूला कारगार सिद्ध होगा।वही खबर मिल रही है कि सहस्त्रबुद्दे विस्तार से पहले वरिष्ठ विधायकों से वन-टू-वन चर्चा भी की जा सकती है, ताकी मंत्रिमंडल वाले दिन कोई बखेडा ना खड़ा हो साथ ही कांग्रेस को कोई मौका ना मिले, जिससे उपचुनाव में सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ा।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल आज बुधवार शाम को भोपाल आने वाली है और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल उन्हें राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में शाम साढ़े चार बजे राज्यपाल के पद की शपथ दिलाएंगे। बता दे कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के अस्वस्थ्य चलने के चलते आनंदीबेन पटेल को 28 जून को मध्यप्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। कहा जा रहा है कि विनय सहस्त्रबुद्धे कार्यवाहक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के शपथग्रहण समारोह में भी जा सकते हैं।दूसरी तरफ लंबे समय से मप्र से दूर रहे राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी गुरुवार को भोपाल आ रहे है। राज्यसभा सांसद बनने के बाद यह उनका पहला दौरा होगा। सिंधिया मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
सरकार बचाना और अपनों को मनाना शिवराज के लिए बड़ी चुनौती
आने वाले समय में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद होने वाली फूट और अंतर्कलह शिवराज के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। वही उपचुनाव में ज्यादा सीटे जीतकर अपनी सरकार को बचाना भी बड़ा टास्क है।अगर मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विधायकों के बागी तेवर देखने को मिलते है तो ग्वालियर चंबल में जहां 16 सीटे है, जीत मुश्किलें हो सकती है। कहा जाता है कि इंसान को गैरो से ज्यादा अपनों का भय सताता है, ऐसा ही यहां भी है।वही निर्दलीयों, सपा-बसपा को भी साधना है।इधर कांग्रेस भी कमबैक का दावा कर रही है और इंतजार में है कि कब मंत्रिमंडल का विस्तार हो और फूट का फायदा उनकी पार्टी को मिले। कांग्रेस शिवराज सरकार के साथ भी वही खेल खेलना चाहती है जो 100 दिन पहले बीजेपी ने कमलनाथ सरकार के साथ खेला गया है। कांग्रेस जैसे को तैसा की लाइन पर है, अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए उपचुनाव से पहले संजीवनी मिल सकती है, वही शिव के लिए विष पीना।खैर देखना दिलचस्प होगा कि महिनों पहले राजनीति में उठे तूफान का असर आने वाले दिनों में कितना होता है, इससे बीजेपी या फिर कांग्रेस को कितना फायदा मिलता है।
(भोपाल से पूजा खोदाणी की रिपोर्ट)